तो बच जाती असद की जान...अली नहीं चाहता था शूटरों के साथ जाए असद; अतीक ने दिया था जोर
Umesh Pal Murder Case: अली ने नहीं चाहता था कि उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए शूटरों के साथ उसका छोटा भाई असद भी जाए लेकिन अतीक ने उसे खारिज कर दिया। अतीक बोला था- मेरे सभी बेटे शेर हैं।
Umesh Pal Murder Case: बड़े भाई अली की चली होती तो शायद असद की जान बच सकती थी। वह उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों के साथ नहीं जाता। अली ने अपनी मंशा जाहिर भी की थी लेकिन माफिया अतीक अहमद ने उसकी बात को खारिज करते हुए कह दिया कि असद इस हत्याकांड को अंजाम देने जाएगा। अतीक ने कहा था उसके सभी बेटे शेर हैं। दिनदहाड़े मारेंगे। यह बात नैनी जेल में बंद अली ने पुलिस को दिए बयान में कही।
उमेश पाल हत्याकांड में विवेचक ने कुछ दिनों पहले ही माफिया अतीक के दोनों बेटों नैनी जेल में बंद अली अहमद और लखनऊ जेल में बंद उमर का बी वारंट तामिल कराया था। इसके बाद विवेचक नैनी जेल में अली का बयान लेने पहुंचे। अली ने पुलिस को बताया कि वह नहीं चाहता था कि उसका भाई असद उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों के साथ जाए। अली के मना करने पर अतीक अहमद ने कहा कि उसके सभी बेटे शेर हैं। वे एक दिन अतीक अहमद बनेंगे। धूमनगंज में 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या की गई थी। सीसीटीवी फुटेज में पांच शूटर नजर आए थे। इसमें एक शूटर माफिया अतीक अहमद का बेटा असद भी था। फुटेज में वह पिस्टल से फायरिंग करते नजर आया था। 13 अप्रैल को मुठभेड़ में असद और गुलाम मारे गए थे।
अशरफ ने मुहैया कराए थे असलहे
अली से पूछताछ में यह पता चला कि उमेश पाल हत्याकांड में शूटरों को असलहे अशरफ ने मुहैया कराए थे। अशरफ के कहने पर ही अतीक अहमद के चौथे और पांचवें नंबर के बेटों ने आईफोन की आईडी बनाई थी। आईफोन की फेस टाइम की आईडी बनाकर सभी को बांटा गया था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद के पास से आईफोन की बरामदगी भी हुई थी। इसके जरिए ही अतीक अहमद, अशरफ, अधिवक्ता खान सौलत समेत सभी आरोपी आईफोन से एक-दूसरे से बात करते थे।