अब क्यों परेशानी का सबब बने दो हजार रुपए के नोट? बट्टा बाजार के लिए आपदा में अवसर; जानें पूरी बात
महीनों पहले चलन से बाहर दो हजार रुपये का नोट आज भी मुसीबत बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI ) ने नोट जमा करने की सुविधा जरूर दे रखी है पर यह सहूलियत ही आम आदमी के लिए सिरदर्द बन गई है।
Two thousand rupee note: महीनों पहले चलन से बाहर दो हजार रुपये का नोट आज भी मुसीबत बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक ने नोट जमा करने की सुविधा जरूर दे रखी है पर यह सहूलियत ही आम आदमी के लिए सिरदर्द बन गई। दो हजारी के बदले में आरबीआई से मिली रेजगारी पसीना छुड़ा रही है। इन सिक्कों को बैंक तक लेने से इनकार कर रहे हैं। कमाई को भारी मन से बट्टे में खपाना पड़ रहा है। बट्टा बाजार भी आपदा में अवसर तलाश रहा है। 20 फीसदी बट्टे पर आरबीआई से मिली रेजगारी खपाई जा रही है।
सात अक्तूबर 2023 को दो हजार रुपये का नोट बैंकों में बदलने व जमा करने का समय खत्म हो गया था। हालांकि सहूलियत दी गई कि नोट है तो आरबीआई में जमा कर सकते हैं। शुरुआती महीनों में तो नोट बदले गए, लेकिन दीपावली के इर्द-गिर्द आरबीआई ने दो हजार के एक नोट के बदले में 25 फीसदी यानी पांच सौ रुपये एक के सिक्के के रूप में देने शुरू कर दिए। यह सिक्के पहले ही बाजार में नहीं चल रहे हैं।
100 के सिक्के पर मिलेंगे 80 से 85 रुपये
नयागंज समेत शहर के कई प्रमुख बट्टा बाजार में आरबीआई से मिले सिक्कों को खपाने का रेट तय है। अगर कोई 100 रुपये के सिक्के लाता है तो इसके एवज में 80 से 85 रुपये मिलेंगे। अगर ज्यादा सिक्के हैं तो इनका अलग रेट होगा। तीन हजार के सिक्के पर पांच सौ रुपये कम मिलेंगे।
बैंकों का तर्क पहले से ही स्टॉक में पड़े हैं लाखों
एक रुपये के सिक्कों को लेकर सभी बैंकों का एक ही तर्क है कि उनके यहां पहले से लाखों की संख्या में सिक्के पड़े हैं। वहीं, आरबीआई का दावा था कि यह चलन में हैं। अगर कोई इन्हें लेने से इनकार करता है तो वह कानून का उल्लंघन कर रहा है। उसके खिलाफ एफआईआर कराएं।
कोई लेने को नहीं तैयार
शास्त्री नगर के सुभाष सिंह, हरबंश मोहाल के अभिषेक, किदवई नगर के अनुराग बताते हैं कि आरबीआई ने दो हजार नोट तो ले लिया पर मुसीबत सिक्कों के रूप में दे दी। उस वक्त कहा था कि सिक्के जरूर चलेंगे। अब बैंक तक ने लौटा दिया।
क्या बोले युवा उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष
कानपुर युवा उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष आयुष द्विवेदी ने बताया कि व्यापारियों को भी लेनदेन करना होता है। जब सिक्के हमसे कोई नहीं लेता है तो हम ग्राहकों से कैसे ले सकते हैं। पहले से ही हजारों सिक्के पड़े हुए हैं।
क्या बोले बैंक
केनरा बैंक के डिप्टी रीजनल मैनेजर अमरनाथ पांडेय ने कहा कि एक रुपये के सिक्के चलन में हैं। किसी भी तरह की मनाही इनको लेने की नहीं है। जिस बैंक में खाता है तो वहां जाकर सिक्के जमा कर सकते हैं। बैंक लेने से इनकार नहीं कर सकता है।