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UPPCS में एक साथ दो सगे भाई बने अधिकारी, जानिए किस रैंक पर हुआ सेलेक्शन

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने शुक्रवार को PCS-2018 का परिणाम जारी कर किया।  बड़े भाई अरविंद कुमार यादव नियंत्रक विधिक माप ग्रेड-1 व छोटे भाई अभिनव कुमार यादव का चयन एसडीएम पद पर हुआ है।...

Amit Gupta हिन्दुस्तान टीम , प्रयागराजSat, 12 Sep 2020 08:29 PM
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने शुक्रवार को PCS-2018 का परिणाम जारी कर किया।  बड़े भाई अरविंद कुमार यादव नियंत्रक विधिक माप ग्रेड-1 व छोटे भाई अभिनव कुमार यादव का चयन एसडीएम पद पर हुआ है। इनके पिता कोमल यादव प्रयागराज में डीआईओएस पद पर कार्यरत रह चुके हैं। वह वर्तमान में झांसी के डीआईओएस हैं।

चार भाइयों में सबसे बड़े अरविंद ने जीआईसी से 12वीं तक की पढ़ाई की। फिर किरोड़ीमल कालेज दिल्ली से बीएससी आनर्स व आईआईटी दिल्ली एमएससी किया। इनका चयन 2017 में राजस्थान सामाजिक सुरक्षा अधिकारी पद पर हुआ था। मौजूदा समय में वे धौलपुर में तैनात हैं। वहीं, भाइयों में तीसरे नंबर के अभिनव का चयन पहले प्रयास में एसडीएम पद पर हुआ है। उन्होंने आईएएस-2017 में इंटरव्यू दिया था, लेकिन 22 नंबर से चयन रुक गया था। पीसीएस की परीक्षा में पहली बार बैठे और 84 रैंक प्राप्त की। अभिनव ने महर्षि पतंजलि से 12वीं पास किया। इसके बाद एमएनएनआइटी प्रयागराज से बीटेक किया। अरविंद व अभिनव ने अपनी सफलता का श्रेय मां आशा यादव एवं पिता कोमल यादव को दिया है। 

अभिषेक दूसरे प्रयास में बने एसडीएम
पीसीएस 2018 में अभिषेक सिंह का चयन एसडीएम पद पर हुआ। इन्होंने यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल की। डिप्टी कलेक्टर में 77वीं रैंक मिली है। मूलत: चित्रकूट के रहने वाले हैं। पिता शिव नरेश सिंह किसान हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक एवं परास्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इस सफलता का श्रेय माता-पिता एवं इविवि के ताराचंद्र छात्रावास के सीनियरों और दोस्तों को दी है। 

चौथे प्रयास में ज्वाला बने एसडीएम 
आजमगढ़ के चौबे गांव के ज्वाला यादव का चौथे प्रयास में एसडीएम के पद पर चयन हुआ है। उन्हें 93 रैंक मिली है। पिता हरिराम यादव शिक्षक हैं। माता इशरावती देवी गृहणी है। इविवि से स्नातक एवं परास्नातक की पढ़ाई की। अभी अग्रसेन इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। इन्होंने सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है। 


जिला सूचना अधिकारी बने योगेद्र
जौनपुर के मीरपुर के योगेन्द्र प्रताप सिंह को जिला सूचना अधिकारी पद में 11वीं रैक मिली है। पिता कमला शंकर सिंह एवं माता प्रेमलता सिंह हैं। इविवि से स्नातक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे। योगेंद्र आश्रम पद्धति संस्थान में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। 

रितेश बने आबकारी इंस्पेक्टर
गाजीपुर के कासिमाबाद के रितेश रंजन विद्यार्थी पहले प्रयास में 136वीं रैक पाकर आबकारी इंस्पेक्टर पद पर चयनित हुए। रितेश इविवि से अंग्रेजी विषय में शोध कर रहे हैं। पिता प्यारे लाल विद्यार्थी शिक्षक हैं। माता शशि कला देवी गृहणी हैं। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय दादा भवसागर राम को दी है। 

जिला प्रोबेशन अधिकारी बने राजीव 
आजमगढ़ के राजीव सिंह को जिला प्रोबेशन अधिकारी पद में 8वीं रैंक प्राप्त हुई है। तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दी है। 

दूसरे प्रयास में बने आबकारी निरीक्षक 
जौनपुर के वैभव यादव को दूसरे प्रसास में आबकारी निरीक्षक के पद पर सफलता मिली है। इविवि से स्नातक और विधि की पढ़ाई की है। सफलता का श्रेय माता-पिता को दी है। 

आईएएस बनने का सपना : डॉ. रमा मिश्रा
डॉ. रमा मिश्रा ने पहले प्रयास में कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर पद पर सफलता हासिल की है। 2017 से तैयारी करनी शुरू की थी। इसका पूरा क्रेडिट अपनी मां कमलेश मिश्रा, पिता बालकृष्ण मिश्र, चाचा राम कृष्ण मिश्र और पति गौरव मिश्र और ससुर प्रभाकर मिश्रा को दी है। रमा के पिता बालकृष्ण मिश्र बलरामपुर में प्रभारी अधीक्षक, कारागार के पद पर तैनात हैं। रमा ने अपनी 12वीं की पढ़ाई इलाहाबाद के ही सेंट एंथोनी स्कूल से की है और लखनऊ के सरदार पटेल डेंटल कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। रमा ने कहा कि इस सफलता से खुश हैं। लेकिन उनका सपना आईएस बनने का है। इसके लिए तैयारी करेंगी। 

सर्जना सिंह बनी डिप्टी एसपी 
पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक माया निरंजन की बेटी सर्जना सिंह ने डिप्टी एसपी के पद पर सफलता हासिल की। सर्जना ने 12वीं तक की पढ़ाई सेंट एंथोनी से की। इविवि से संस्कृत से एमए 2009 में किया। 2013 में सप्लाई इंस्पेक्टर पद पर सफलता प्राप्त कर चुकी हैं। पति भी डिप्टी एसपी हैं। 

प्रतिभा बनी डिप्टी कलेक्टर
सिसवां सोरांव की प्रतिभा मिश्रा ने डिप्टी कलेक्टर श्रेणी में 21वीं रैंक हासिल कर सफलता अपने नाम की। प्रतिभा ने 2015 में एससीएफ में 8वीं रैंक हासिल की थी। इसके बाद पीसीएस 2017 में डिप्टी एसपी में 18वीं रैक प्राप्त की थी। प्रतिभा ने हाईस्कूल तक चिन्मय विद्यालय से पूरी की। इसके बाद इंटर की पढ़ाई डीपी गर्ल्स से की। इविवि से बीएससी एवं एमएससी की डिग्री हासिल की। एमएससी में गोल्ड मेडलिस्ट टॉपर रही हैं। पिता सुशील कुमार मिश्र चिन्मय विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं। 

नम्रता बनी सब-रजिस्ट्रार 
भदोही कैड़ा की नम्रता त्रिपाठी का चयन सब रजिस्ट्रार के पद पर हुआ है। बृज बिहारी सहाय इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की। इविवि से बीएएलएलबी की पढ़ाई करने के बाद वर्तमान में एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं। 2019 में जेआरएफ क्वालीफाई हैं। नम्रता ने अपनी सफलता का श्रेय पिता सत्य प्रकाश त्रिपाठी और माता अमलेश त्रिपाठी, भाई अभिषेक त्रिपाठी को दी। 

गरिमा बनी डिप्टी कलेक्टर 
प्रयागराज के सिविल लाइंस की गरिमा सिंह दूसरे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर बन गईं। गरिमा का चयन पीसीएस 2017 में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर भी हुआ था। वह वर्तमान में हाईकोर्ट में एआरओ के पद पर कार्यरत हैं। पिता होतम सिंह डिप्टी चीफ इंजीनियर के तौर पर रेलवे में कार्यरत हैं। मां कविता सिंह गृहणी हैं। 

पहली बार में शद्धा बनी बीडीओ 
प्रयागराज के तेलियरगंज की शद्धा गुप्ता ने पहले प्रयास में बीडीओ पद पर सफलता हासिल की। शद्धा ने स्नातक कानपुर विवि एवं परास्नातक इविवि से किया है। अपनी सफलता का श्रेय पिता भोला राम गुप्ता, माता प्रवेश गुप्ता और भाई आयुष गुप्ता को दी। 

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