मुजफ्फरनगर दंगा: गैंगरेप पीड़िता को 10 साल बाद मिला न्याय, दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई 20-20 साल की सजा
मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान महिला से गैंगरेप के मामले में विशेष पाक्सो कोर्ट ने दो अभियुक्तों को 20-20 साल की सजा और सभी पर 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान महिला से गैंगरेप के मामले में विशेष पाक्सो कोर्ट ने दो अभियुक्तों को 20-20 साल की सजा और सभी पर 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों को अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जेल भेजने के आदेश दे दिए थे। इस मामले के तीसरे आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।
ये मामला 10 साल पुराना है। 27 अगस्त 2013 में कवाल में तीन हत्याओं के बाद 7 सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर जिले में दंगा भड़क उठा था। इसमें 40 लोगों की मौत हुई और लगभग 50 हजार लोग गांवों से पलायन कर गए। इस बीच घर छोड़कर मलकपुर में शरणार्थी शिविर में रह रहे एक व्यक्ति ने साल 2014 में पत्नी से तीन लोगों पर गैंगरेप के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में घटना की तारीख आठ सितंबर की बताई गई। गांव के ही तीन लोगों पर महिला को खेत में खीच कर गैंगरेप का आरोप लगाया गया था।
विशेष लोक अभियोजक नरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की प्रत्येक दिन सुनवाई के आदेश दिए थे। फिलहाल इस मामले की सुनवाई विशेष पोक्सो कोर्ट नम्बर 2 के न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह की कोर्ट में चल रही थी। इस केस में एसएसपी संजीव सुमन ने सीओ फुगाना और फुगाना कोतवाल को प्रभावी स्तर पर पैरवी के आदेश दिए थे।
पीड़िता की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने मुजफ्फरगनर आकर कोर्ट में बहस की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि अभियोजन पक्ष अपनी बात साबित कर चुका है। इस मामले में एसआईटी ने विवेचना करते हुए अभियुक्त कुलदीप महेशवीर व सिंकदर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। फिर आरोपी जमानत पर बाहर आ गए थे। इस सुनवाई के दौरान एक आरोपी कुलदीप की मौत हो चुकी थी। अभियोजन ने बताया कि इस मामले में सात गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने अभियुक्त सिंकदर व महेशवीर को 20-20 साल की सजा और 15 हजार के जुर्माने से दंडित किया है।