कानपुर में शताब्दी एक्सप्रेस की चेनपुलिंग करके भागा टीटीई, विजिलेंस टीम ने दौड़ाकर पकड़ा
कानपुर में विजिलेंस टीम के डर से शनिवार को लखनऊ फाटक के करीब एक टीटीई चेनपुलिंग कर भाग निकला। हालांकि उसे घेरकर धर-दबोचा गया। उसके पास एक काले रंग का बैग भी था जो कि मौके से नहीं मिला।
यूपी के कानपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां विजिलेंस की टीम के डर से शनिवार को लखनऊ फाटक के करीब एक टीटीई चेनपुलिंग कर भाग निकला। हालांकि उसे घेरकर धर-दबोचा गया। उसके पास एक काले रंग का बैग भी था जो कि मौके से नहीं मिला। आरपीएफ ने चेनपुलिंग के आरोप में टीटीई के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कानपुर सेंट्रल पर किसी टीटीई के खिलाफ 50 साल में पहली बार इस तरह की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
दरअसल, दिल्ली से लखनऊ जा रही 12004 स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस को चेक करने के लिए तीन सदस्यीय विजिलेंस टीम सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ पर तैनात थी। ट्रेन रुकते ही सभी टीटीई की तलाशी शुरू की गई। टीटीई आनंद और अनुदीप की दो से छह नंबर कोच में ड्यूटी थी। आनंद को लगा कि उनके पास अतिरिक्त कैश है, वह जांच टीम के चकमा देकर ट्रेन पर चढ़ गए। इसी दौरान गाड़ी भी चल दी। विजिलेंस व आरपीएफ भी ट्रेन में चढ़ गई। खुद के पकड़े जाने के डर से आनंद लखनऊ फाटक से पहले चेनपुलिंग कर भाग निकले।
कुछ ही दूरी पर आरपीएफ की एसआई आरती कुमारी और मो. असगर अंसारी ने आनंद को पकड़ लिया। उनके पास एक काला बैग था जो नहीं मिला। वहीं, टीटीई अनुदीप की तलाशी के दौरान 13 हजार रुपये अतिरिक्त मिले। बाकी तीन अन्य टीटीई डीके पांडे, प्रेम प्रकाश पांडेय और देवेंद्र पासवान से पूछताछ और तलाशी ली गई पर अतिरिक्त कैश नहीं मिला। विजिलेंस की रिपोर्ट पर आरपीएफ प्रभारी बीपी सिंह ने चेनपुलिंग के मामले में टीटीई आनंद के खिलाफ रेलवे एक्ट 141 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह ने बताया कि शताब्दी एक्सप्रेस में विजिलेंस टीम के छापे की जानकारी तो हुई है लेकिन इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होती है।