लखनऊ: मार्च बाद KGMU में असाध्य मरीजों का इलाज बंद
केजीएमयू में असाध्य योजना के तहत पंजीकृत मरीजों के इलाज पर संकट आ गया है। असल में असाध्य योजना के तहत तीन साल के लिए पंजीकरण की मियाद 31 मार्च को खत्म हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि अब पंजीकरण...
केजीएमयू में असाध्य योजना के तहत पंजीकृत मरीजों के इलाज पर संकट आ गया है। असल में असाध्य योजना के तहत तीन साल के लिए पंजीकरण की मियाद 31 मार्च को खत्म हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि अब पंजीकरण कार्ड को दोबारा नवीनीकरण कराना होगा। बिना उसके मरीजों को किसी भी प्रकार का मुफ्त इलाज नहीं मिलेगा। जांच और इलाज की सुविधा मरीजों को तय फीस चुकाने के बाद ही मिलेगी।
केजीएमयू में पहली अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच असाध्य रोगियों का पंजीकरण किया गया। उन्हें कार्ड प्रदान किया गया। पंजीकरण के लिए मरीजों ने बीपीएल और आय प्रमाण-पत्र जमा करना पड़ा था। अधिकारियों का कहना है कि आय प्रमाण पत्र जारी किए जाने की तिथि तीन वर्ष के लिए मान्य होती है। अचानक कार्ड की मियाद पूरी होने की जानकारी देने से विभागों के अफसरों में अफरातफरी मच गई है, क्योंकि गरीबी व चलने-फिरने में लाचार मरीज इतना जल्दी आय समेत दूसरे दस्तावेज नहीं बनवा सकते हैं। ऐसी दशा में केजीएमयू में असाध्य योजना में पंजीकरण हजारों मरीजों का इलाज 31 मार्च के बाद थम जाएगा।
गंभीर मरीज कराते हैं इलाज
डॉक्टरों का कहना है कि असाध्य योजना में गुर्दा, लिवर, कैंसर समेत दूसरी गंभीर बीमारियों के मुफ्त इलाज का प्रावधान है। पंजीकरण के बाद मरीजों का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है। सरकार इन मरीजों के इलाज पर खर्च का भुगतान करती है। तमाम मरीज ऐसी दशा में होते हैं कि वे बीमारी की वजह से चलने-फिरने में भी लाचार हो जाते हैं।
अफसरों की हीलाहवाली
असाध्य योजना में पंजीकृत मरीजों की हालत बेहद गंभीर होती है। इसके बावजूद के केजीएमयू अफसरों ने लापरवाही बरती। पंजीकरण खत्म होने की तारीख से करीब एक महीने पहले नोटिस जारी की। तमाम मरीजों को एक से दो महीने बाद फालोअप के लिए बुलाया जाता है। मार्च के बाद आने वाले मरीजों का इलाज ठप हो जाएगा। मरीजों का कहना है कि आय प्रमाण-पत्र बनवाने में काफी समय लगता है। पंजीकरण नवनीकरण में वक्त लगेगा। इस दौरान गरीब मरीज इलाज फंस सकता है। पैसे के अभाव में इलाज अटका सकता है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है।
बढ़ेंगी दुश्वारियां
केजीएमयू में 4000 बेड हैं। सभी बेड भरे रहते हैं। ओपीडी में रोजाना सात से आठ हजार मरीज आ रहे हैं। असाध्य मरीजों की संख्या हजारों में है। अचानक कार्ड खत्म होने की सूचना से मरीजों को दुश्वारियां झेलनी पड़ सकती है।
केजीएमयू सीएमएस एसएन शंखवार ने बताया कि पहली अप्रैल तक पीआरओ कार्यालय के सामने कमरा नम्बर चार में अपने दस्तावेज जमा कर दें। इसमें आय प्रमाण शामिल हैं। इसके बाद ही मुफ्त इलाज मिल सकेगा।