Hindustan Special: गोरखपुर में बनी इस मशीन से पूरे देश की ट्रेनें बदलती हैं रास्ता, जानिए क्या है इसकी खासियत
ट्रेनों के ट्रैक बदलने के लिए इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन सिर्फ गोरखपुर के सिग्नल वर्कशॉप में बनती है। ईपीएम की आपूर्ति यहीं से देशभर के रेलवे को होती है।
गोरखपुर में बनने वाली एक मशीन से पूरे देश में ट्रेनें रास्ता बदलती हैं। इस बार तो इस मशीन का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। इस मशीन को रेलवे बोर्ड का अवार्ड भी मिल चुका है। ट्रेनों के ट्रैक बदलने के लिए इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन (ईपीएम) सिर्फ गोरखपुर के सिग्नल वर्कशॉप में बनती है। ईपीएम की आपूर्ति यहीं से देशभर के रेलवे को होती है। अगस्त महीने में सिग्नल कारखाने ने उत्पादन का भी रिकॉर्ड कायम कर दिया। पूर्वोत्तर रेलवे के लिए गौरव की बात है कि अभी भी सभी रेलवे एनईआर पर ही निर्भर हैं।
दरअसल, ट्रेनों को लूप लाइन से मेन लाइन पर लाने के लिए, रनथ्रू पास करने के लिए या प्लेटफार्म पर लाने के लिए ट्रैक बदलना पड़ता है। ट्रैक का बदलाव इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन के जरिए होता है। यह मशीन पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर कैंट स्थित सिग्नल वर्कशॉप में बनती है। वर्कशॉप की बेहतरीन इंजीनियरिंग से यहां की ईपीएम आज तक फेल नहीं हुई है। अपनी बेहतर इंजीनियरिंग के ही बल पर वर्कशॉप नार्दर्न रेलवे, वेस्टर्न रेलवे, वेस्ट सेंट्रल रेलवे, ईस्ट सेंट्रल रेलवे, इर्स्टन रेलवे, साउथ सेंट्रल जैसे बड़े जोन को ईपीएम सप्लाई कर रहा है।
कभी भी फेल नहीं हुई यहां की इंजीनियरिंग
इस ईपीएम मशीन की खासियत यह है कि इसकी इंजीनियरिंग आज तक फेल नहीं हुई। यही वजह है कि कई बार इस वर्कशॉप को जीएम अवार्ड के साथ ही रेलवे बोर्ड का अवार्ड भी मिल चुका है।
कभी बंद नहीं होता है वर्कशॉप
कुछ राष्ट्रीय पर्व छोड़ बाकी किसी भी दिन यह सिग्नल वर्कशॉप बंद नहीं होता है। यहां कर्मचारी शिफ्ट में काम करते हैं और अन्य कार्यालयों की तुलना में बेहद ही अनुशासित हैं। तय समय से पहले अपने शिफ्ट में पहुंच जाते हैं और दिए गए टार्गेट को पूरा करके ही वापस लौटते हैं।
रिकॉर्ड 548 सेट का निर्माण
ज्यादातर काम जहां रेलवे में आउटसोर्स होने लगा है वहीं सिग्नल वर्कशॉप ने अपनी उपयोगिता बनाए रखी है। इंजीनियरों और कर्मचारियों ने अपनी कार्यकुशलता बढ़ाते हुए अगस्त महीने में रिकार्ड 548 सेट ईपीएम का निर्माण किया है। जबकि यहां महीने भर का औसत उत्पादन 300 ईपीएम का है।
क्या है ईपीएम
ईपीएम (इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन) ऐसी डिवाइस है जो पटरियों के किनारे निर्धारित स्थानों पर लगाई जाती है। यह मशीन कंट्रोल रूम से ऑपेरट होती है। कंट्रोल ट्रेन को एक पटरी से दूसरी पटरी पर डालने के लिए इस मशीन का सहारा लेता है। मशीन को जैसे ही कंट्रोल रूम से कमांड मिलता है वैसे ही यह ट्रेन का ट्रैक बदल देती है।