आगरा : कुआं साफ करने के दौरान जहरीली गैस बनने से तीन युवकों की मौत
गांव सौंरा में रविवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई। तीनों पुराने कुएं की सफाई करने के लिए नीचे उतरे थे। सालों से बंद पड़े कुएं में बनी जहरीली गैस ने उन्हें चपेट में ले लिया।...
गांव सौंरा में रविवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई। तीनों पुराने कुएं की सफाई करने के लिए नीचे उतरे थे। सालों से बंद पड़े कुएं में बनी जहरीली गैस ने उन्हें चपेट में ले लिया। दम घुटने पर तीनों अंदर ही गिर पड़े। हल्ला मचने पर ग्रामीण जमा हुए। फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची।
कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को निकाला गया मगर बचाया नहीं जा सका। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जाहिर किया है। मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। वहीं परिजनों ने हाईवे पर शव रखकर हंगामा किया। वे हत्या का मुकदमा लिखाना चाहते थे।
घटना सुबह करीब सात बजे की है। 22 वर्षीय भोलू पुत्र हाकिम सिंह, पप्पू (22) पुत्र हरीशचन्द्र व लखन (17) पुत्र बदनसिंह पुराने कुएं की सफाई करने सीढ़ी लगाकर उसमें नीचे उतरे थे। कुएं में जहरीली गैस थी। पुलिस के मुताबिक तीनों अंदर पहुंचे तो दम घुटने लगा। तीनों बेहोश हो गए। हल्ला मच गया। जहरीली गैस के चलते कोई ग्रामीण मदद के लिए नहीं उतरा। सूचना पुलिस को दी। फायर बिग्रेड को बताया गया। करीब आधा घंटे बाद सीओ खेरागढ़ और इंस्पेक्टर सैंया फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से रस्सी डालकर कुएं से तीनों युवकों को निकाला।
भोलू और लखन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। पप्पू को परिजन सीएचसी ले गये जहां से उसे एसएन रेफर कर दिया। उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई। तीनों युवकों की मौत की जानकारी से गांव में कोहराम मच गया। परिजन भोलू व लखन के शव को हाईवे पर ले आए। शव रखकर जाम लगा दिया। जाम से हाईवे पर दोनों ओर वाहन की लाइन लग गई। भीषण गर्मी थी। जाम में फंसे लोग पसीना-पसीना हो गए।
परिजन पुलिस की कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। वे गांव के ही दूसरे पक्ष के खिलाफ मारपीट व युवकों की हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर युवकों के शवों को कब्जे में लिया। भीड़ को खदेड़ दिया। एसपीआरए पश्चिमी रवि कुमार ने बताया कि युवकों की मौत जहरीली गैस की चपेट मे आने से हुई है। परिजनों ने तहरीर भी दी है। मामले की जांच के बाद विधिक कार्यवाही की जायेगी।
अंतराम पक्ष से चल रहा है विवाद
ग्रामीणों ने बताया कि पीड़ित पक्ष का गांव के ही अंतराम पक्ष से विवाद चल रहा था। गांव के बाहर अंतराम पक्ष का खेत है। गांव का गन्दा पानी कई वर्षों से अंतराम पक्ष के खेतों में जा रहा था। दो जून को अंतराम पक्ष ने खेत में मिट्टी डालकर पानी रोक दिया था। पानी रोकने से गलियों में पानी भर गया था। तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों में समझौता कराया था। इस सम्बन्ध में हाकिम सिंह व अन्य ग्रामीण तहसील खेरागढ़ भी गये थे।
सुबह तीनों युवक गलियों के पानी को कुएं में डालने के लिए योजना बना रहे थे। युवक इसलिए ही कुएं में पड़े पत्थरों को बाहर निकालने के लिए उतरे थे। उसी दौरान हादसा हो गया। हादसे में मारे गए भोलू के पिता हाकिम सिंह ने गांव के ही अंतराम, अरविंद व आधा दर्जन अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट कर तीनों युवकों को जबरन कुएं में धक्का देने की तहरीर दी है।
तत्काल मिलती मदद तो बच जाती जान
भोलू, लखन और पप्पू को तत्काल मदद मिलती तो शायद उनकी जान बच जाती। तीनों कुएं में गिरे। हल्ला मचा। भीड़ जमा हो गई। पुलिस भी आ गई। फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। रस्सी डाली गई। इस काम में करीब दो घंटे लग गए। तीनों दो घंटे तक कुएं के अंदर रहे। वहां आक्सीजन न के बराबर थी। इस कारण तीनों बेहोश हो गए।
समय रहते तीनों को बाहर निकाल लिया जाता तो शायद तीन परिवारों में कोहराम नहीं मचता। जानकारों ने बताया कि पुराने कुएं में उतरने से पहले एक मोमबत्ती जलाकर नीचे लेकर जाते हैं। नीचे पहुंचने पर आग नहीं बुझती है तो माना जाता है कि कुएं में आक्सीजन है। आग बुझ जाए तो माना जाता है कि नीचे जहरीली गैस बन रही है ऐसी स्थिति में बिना आक्सीजन सिलेंडर नीचे नहीं उतरना चाहिए। युवकों को इस बात की जानकारी होती तो भी शायद यह दर्दनाक हादसा नहीं होता।