वृद्धावस्था और विधवा पेंशन योजना का लाभ लेने वालों को करना होगा ये काम, फिर हर महीने आएगी पेंशन
किसान सम्मान निधि में बड़ी तादाद में अपात्र लाभार्थी सामने आने के बाद कृषि विभाग द्वारा शुरू करवाई गई ई-केवाईसी को अब समाज कल्याण और महिला कल्याण विभाग ने भी अपना लिया है।
यूपी के 56 लाख विधवा और वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियों के लिए जरूरी खबर है। किसान सम्मान निधि योजना की तरह इन लाभार्थियों को भी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए अपने खाते की ई-केवाईसी करवानी अनिवार्य कर दी गई है। इसके बाद लाभार्थी को तिमाही की जगह हर महीने पेंशन दी जा सकेगी। दरअसल किसान सम्मान निधि में बड़ी तादाद में अपात्र लाभार्थी सामने आने के बाद कृषि विभाग द्वारा शुरू करवाई गई ई-केवाईसी को अब समाज कल्याण और महिला कल्याण विभाग ने भी अपना लिया है।
इन दोनों विभागों की वृद्धावस्था और निराश्रित/विधवा महिला पेंशन योजना के लाभार्थियों की ई-केवाईसी करवाई जा रही है।
ई-केवाईसी पूरी होने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि कितने अपात्र लाभार्थी हटाए गये और कितने नये लाभार्थी जुड़े। समाज कल्याण विभाग की ओर से तो जिलों में प्रचार वाहन को घुमाकर वृद्वास्था पेंशन के लिए लाभार्थियों को ई-केवाईसी करवाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया के तहत लाभार्थी के आधार कार्ड,उसके पैन और बैंक खाते को जोड़ा जा रहा है। यही नहीं समाज कल्याण विभाग तो इसके साथ ही लाभार्थी के जीवित होने का 'जीवन प्रमाण-पत्र' भी लगवा रहा है। समाज कल्याण विभाग की वृद्धावस्था पेंशन योजना में अभी करीब 56 लाख लाभार्थी हैं जिनके बैंक खातों में अप्रैल से जून की पहली तिमाही की पेंशन की राशि एक हजार रुपये प्रतिमाह प्रति लाभार्थी की दर से भेजी जाने लगी है।
विभाग के अफसरों के मुताबिक ई-केवाईसी पूरी होने के बाद पूरी तरह सही व सम्यापित आंकड़े सामने आ जाएंगे तब लाभार्थियों को हर महीने वृद्धावस्था पेंशन राशि दी जाएगी। उधर, महिला कल्याण निदेशक मनोज राय ने बताया कि उनके विभाग की निराश्रित/विधवा पेंशन योजना में ई-केवाईसी के साथ दर्ज लाभार्थियों के निधन के सत्यापन का कार्य शहरी इलाके में एसडीएम और ग्रामीण इलाके में विकास खंड अधिकारी द्वारा करवाया जा रहा है। इन लाभार्थियों को भी अप्रैल से जून की पहली तिमाही की पेंशन उनके बैंक खातों में भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इस योजना में अभी करीब 32 लाख लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई लाभार्थी महिला गांव छोड़ कर चली गयी हो, या उसने दूसरी शादी कर ली हो तो उसे योजना के लिए अपात्र मान लिया जाता है।