Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़This time was uncle Shivpal yadav way Akhilesh yadav got his son Aditya ticket SP candidate changed for third time Badaun too

इस बार चाचा शिवपाल की ही चली, अखिलेश से बेटे आदित्य को दिलवाया टिकट, बदायूं में भी तीसरी बार बदला सपा प्रत्याशी

सपा ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदला है। इसमें बदायूं लोकसभा सीट भी शामिल है। बदायूं में सपा ने सबसे पहले धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था। इसके शिवपाल और अब आदित्य को टिकट दिया है।

लाइव हिंदुस्तान बदायूंSun, 14 April 2024 09:42 PM
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Lok Sabha Chunav: सपा ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदला है। इसमें बदायूं लोकसभा सीट भी शामिल है। बदायूं में सपा ने सबसे पहले धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन धर्मेंद्र का इस सीट से टिकट काटकर उनकी जगह शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया और धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ उम्मीदवार घोषित कर दिया। पिछले दिनों संभल में दौरे के दौरान शिवपाल ने गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र के बबराला में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने नहीं लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने अपनी जगह बेटे आदित्य के उतरने का ऐलान भी कर दिया था। शिवपाल ने तब कहा था कि इस पर राष्ट्रीय नेतृत्व फैसला करेगा। हालांकि तभी माना जा रहा था कि शिवपाल की इतनी छोटी मांग को सपा प्रमुख अखिलेश यादव मान ही लेंगे।

चुनाव के समय किसी प्रकार का विवाद वह नहीं चाहेंगे। इसके अलावा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भी आदित्य यादव के नाम का प्रस्ताव रखा था और फिर उनके नाम का प्रस्ताव पास करके पार्टी हाई कमान के लिए भेजा गया। इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए शिवपाल यादव ने पूरी ताकत झोंक दी। रविवार को सपा की जो लिस्ट आई उससे साफ हो गया कि इस बार सपा प्रमुख की जगह चाचा शिवपाल यादव की ही चली। बदायूं में सपा ने शिवपाल की जगह आदित्य के नाम की घोषणा कर दी। इसके बाद सपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई।  आदित्य अब 15 अप्रैल को कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन भी कराएंगे। हालांकि दो दिन पहले सपा के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने आदित्य यादव के नाम का पर्चा खरीदा था तभी जिलाध्यक्ष ने प्रत्याशी आदित्य यादव होने की घोषणा की थी। अब लोकसभा चुनाव 2024 का दंगल रोमांचक हो जायेगा और योद्धा जमकर चुनावी जंग को लड़ेंगे। 

अखिलेश की पीढ़ी में आदित्य नहीं उतरे हैं मैदान में 

मुलायम परिवार में अखिलेश की पीढ़ी वाले अक्षय यादव, धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव व अर्पणा यादव  जहां लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। अर्पणा को छोड़ सभी कभी न कभी जीते भी हैं। यही नहीं मुलायम के पौत्र व अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप को भी मैनपुरी उपचुनाव लड़ कर सांसद बनने का मौका मिल गया। वहीं आदित्य यादव को अभी तक न विधानसभा का चुनाव लड़ने का मौका मिला और न लोकसभा का। पार्टी ने पहले धर्मेंद्र यादव को बदायूं से टिकट तय किया था लेकिन बाद में पार्टी ने फैसला बदला और धर्मेंद्र यादव बदायूं की बजाए आजमगढ़ से चुनाव लड़ने भेज दिया।  धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से पिछला उपचुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। पार्टी ने इस बार बसपा के प्रमुख नेता शाह आलम गुड्डू जमाली को उतार कर समीकरण अपने पक्ष में करने की कोशिश की। 

कौन हैं आदित्य यादव

सपा प्रत्याशी आदित्य यादव का जन्म 12 जून 1988 को हुआ था वह 35 वर्ष के हैं। वह सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव के बेटा हैं। उनकी शादी वर्ष 2016 में राज लक्ष्मी सिंह यादव के साथ हुई थी। आदित्य का पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है। ताऊ और चाचा मुलायम सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव, अभय राम यादव, रतन सिंह यादव हैं। उनके दादा सुघर सिंह यादव और दादी मूर्ती देवी हैं। 

इंजीनिरिंग की पढ़ाई

आदित्य यादव ने इंजिनियरिंग की पढ़ाई की है। वे को-ऑपरेटिव ऑर्गनाइजेशन इफको के बोर्ड ऑफ डायरेक्ट हैं।  2017 में आईसीए बोर्ड में सीट जीतने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए थे।

राजघराने से हुई है शादी

सपा नेता शिवपाल यादव के बेटे आदित्‍य यादव की शादी राजघराने की बेटी राजलक्ष्‍मी सिंह से शादी हुई। राजलक्ष्मी राजपुताना मैहर स्टेट की राजकुमारी रहीं हैं। उनके पिता का नाम संजय सिंह और मां का नाम शारदा कुंवर सिंह है। आदित्य यादव की पत्नी राजलक्ष्मी के नाना राजा कुंवर नारायण सिंह जूदेव तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। बताया जाता है कि मैहर में प्रसिद्ध शारदा देवी के मंदिर का जीर्णोद्धार इसी परिवार ने कराया था। राजलक्ष्मी सिंह ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से एमए किया है।

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