सीएम योगी के इस आदेश से UP के बेरोजगारों में जगी उम्मीद, बेसिक के स्कूलों में इतने पद खाली
Jobs in Uttar Pradesh: बेसिक शिक्षा विभाग ही सबसे अधिक नौकरी देता है और इसमें पिछले साढ़े पांच साल से कोई भर्ती नहीं आई है। आखिरी बार दिसंबर 2018 में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती आई थी।
Hope of employment in UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भर्तियां शुरू करने के फरमान ने बेरोजगारों की आंखों में एक बार फिर से चमक पैदा कर दी है। लाखों बेरोजगार खासतौर से परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति को लेकर आशान्वित हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ही सबसे अधिक नौकरी देता है और इसमें पिछले साढ़े पांच साल से कोई भर्ती नहीं आई है। आखिरी बार दिसंबर 2018 में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती आई थी। उसके बाद से हर साल शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं लेकिन भर्ती प्रक्रिया ठप है।
69000 शिक्षक भर्ती के मामले में सरकार ने 12 जून 2020 को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि उस समय तक परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 51112 पद खाली थे। अभ्यर्थियों का दावा है कि हर साल औसतन आठ हजार शिक्षक सेवानिवृत हो रहे हैं। इस प्रकार 2021 से 2024 तक चार साल में 32 हजार पद खाली हो चुके हैं। अभ्यर्थियों के दावे पर यकीन करें तो सुप्रीम कोर्ट को सरकार की ओर से दी गई जानकारी और चार साल में हुई सेवानिवृत्ति को मिलाकर 80 हजार से अधिक रिक्त पद बनते हैं। यह अलग बात है कि पिछले कुछ समय से हाईकोर्ट से लेकर आरटीआई के जवाब में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी यह बताने से कतराते रहे हैं कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के कितने पद खाली हैं।
नवगठित आयोग को करना होगा सक्रिय
मुख्यमंत्री के फरमान पर कार्रवाई शुरू होती है तो सबसे पहले नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को सक्रिय करना होगा। अब इसी आयोग से परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति होनी है लेकिन अब तक यह आयोग पूरी तरह से सक्रिय नहीं हो सका है।
पांच साल से खाली हैं डीएलएड प्रशिक्षु
प्रयागराज। शिक्षक भर्ती के इंतजार में बेरोजगार सालों से दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। डीएलएड 2017 बैच के ही 135182 बेरोजगार पांच साल से खाली हैं। इसके अलावा 2017 सत्र के बाद से प्रशिक्षण लेने वाले लाखों बेरोजगारों की नौकरी का इंतजार खत्म नहीं हो सका है।