एक बोतल में एक बोरी की ताकत, यूपी में इफको के दो नए नैनो यूरिया प्लांट का मनसुख मांडविया ने किया लोकार्पण
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को प्रसंस्कृत उर्वरक के क्षेत्र में दुनिया की नंबर 1 सहकारी संस्था इफको के दो अतिरिक्त नैनो यूरिया संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किए।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को प्रसंस्कृत उर्वरक के क्षेत्र में दुनिया की नंबर 1 सहकारी संस्था इफको के दो अतिरिक्त नैनो यूरिया प्लांट राष्ट्र को समर्पित किए। बरेली में इफको आंवला इकाई और इफको फूलपुर प्रयागराज में दो विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की गई है। इन दो नए नैनो यूरिया संयंत्रों की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन दो लाख बोतल होगी। 500 मिलीलीटर नैनो यूरिया की बोतल में एक बोरी यूरिया की ताकत होगी। मनसुख मांडविया ने नैनो यूरिया के उत्पादन को आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता बड़ा कदम बताया।
बरेली ब्यूरो के अनुसार मंगलवार को करीब 10:40 बजे सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सह रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया इफको आंवला पहुंचे। 11:30 बजे 350 करोड़ से बने नैनो (तरल) यूरिया संयंत्र का लोर्कापण किया। लोकार्पण के मंच से मनसुख मांडविया ने नैनो यूरिया के बारे में किसानों को जानकारी दी। कहा, नैनो यूरिया पॉल्यूशन का सॉल्यूशन है। मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ता है। पर्यावरण फ्रेंडली है।
बोले, किसानों को राहत देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। अब एक बोरी यूरिया की ताकत 500 मिलीलीटर नैनो की बोतल में है। ये ग्रीन टेक्नोलॉजी है। इफको ने क्रांतिकारी उपलब्धि हासिल की है। देश में 6 करोड़ बोतल नैनो यूरिया की तैयार की गईं। सब किसानों ने खरीद ली। अभी हम मांग पूरी करना कठिन हो रहा है।
मांडविया ने किसानों को पूरे विश्वास के साथ नैनो यूरिया का फसलों में इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया। मनसुख मांडविया के 30 मिनट का भाषण किसानों पर फोकस रहा। कहा, नैनो यूरिया के तैयार होने से भंडारण और ढुलाई की समस्या खत्म हो गई। किसान सेंटरों के जरिए नैनो यूरिया खरीद सकेंगे। इस मौके पर इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी, अध्यक्ष दिलीप संघाणी, वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक राकेश पुरी, उपाध्यक्ष बलवीर सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
आयात लॉबी नहीं चाहती थी देश में बने नैनो यूरिया
उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने नैनो यूरिया को विकसित करने में आईं दिक्कतों से किसानों को रूबरू कराया। कहा, यूरिया आयात करने वाली लॉबी देश में नैनो यूरिया को विकसित करने में अड़चन लगा रही थी। हमनें किसानों के हित में इंपोर्ट लॉबी की एक नहीं सुनी। केंद्र सरकार ने नैनो यूरिया के लिए जरूरी एनओसी मुहैया कराई।
मनसुख मांडविया ने कहा कि देश अपनी जरूरत का करीब चौथाई उर्वरक विदेशों से आयात करता है। उर्वरक के लिए विदेशों पर निर्भरता है। आयात लॉबी ने नैनो यूरिया बनाने के प्रस्ताव का विरोध करना शुरू कर दिया था। मंत्रालय में एप्लीकेशन देकर तमाम अड़चन लगाने की कोशिश की गई। मैंने इफको के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री से बात की। पीएम मोदी की इजाजत मिलने क बाद आयात लॉबी की आपत्तियों को दरकिनार कर नैनो यूरिया को विकसित करने पर फोकस किया गया।
इस अवसर पर इफको अध्यक्ष श्री दिलीप संघाणी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत और सहकार से समृद्धि के ध्येय के अनुरूप नैनो यूरिया (तरल) विकसित किया गया है।
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि नैनो यूरिया (तरल) फसल की पोषण गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने में बहुत प्रभावी पाया गया है और इसका भूमिगत जल और पर्यावरण की गुणवत्ता पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण कमी आई है।
नैनो डीएपी तैयार, बस फाइनल अप्रूवल का इंतजार
बरेली। नैनो यूरिया के बाद नैनो डीएपी का उत्पादन भी इफको आंवला ने शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने इफको को एनओसी को उत्पादन की एनओसी दे दी है। हालांकि फाइनल अप्रवूल आना बाकी है। उर्वरक मंत्री ने बताया कि तकनीकी समिति इसी महीने डीएपी को फाइनल अप्रूवल देगी। नैनो डीएपी (तरल) की कीमत करीब 700 रुपये होगी। जबकि एक बोरी डीएपी की कीमत करीब 1350 रुपये है।
प्लांट में बनता देखा नैनो यूरिया
मनसुख मांडविया ने प्लांट में जाकर इफको आंवला के प्लांट में नैनो यूरिया के उत्पादन को देखा। प्लांट के संचालन को परखा। मंत्री ने इफको प्रबंधन की तारीफ की।