Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़The plan to murder Umesh Pal was made in Meerut Atiq brother-in-law Akhlaq was helpful sister Noori was also supporting

उमेश पाल हत्या का मेरठ में बना था प्लान, अतीक का बहनोई अखलाक था मददगार, बहन नूरी भी दे रही थी साथ

उमेश पाल की हत्या का प्लान मेरठ में बना था। मेरठ में भवानी नगर स्थित कोठी पर हुई प्लानिंग में पूरे परिवार के साथ डॉ. अखलाक खुद यहां मौजूद था।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, मेरठSun, 10 Dec 2023 07:42 AM
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उमेश पाल की हत्या की योजना माफिया अतीक अहमद के बहनोई डा. अखलाक अहमद के मेरठ में भवानी नगर स्थित कोठी पर ही बनी थी। पूरे परिवार के साथ डॉ. अखलाक खुद यहां मौजूद था। 24 फरवरी, 2023 को हुई उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस, आरोपियों की तलाश में जगह जगह दबिश दे रही थी। इसी दौरान 6 मार्च को कौशाम्बी के संदीपन घाट थाना क्षेत्र में पुलिस को एक लावारिस कार मिली। यह कार डा. अखलाक अहमद की निकली, जिसका उपयोग शूटरों को भगाने में किया गया था। इस खुलासे के बाद डा. अखलाक एसटीएफ के रडार पर आ गया। गोपनीय तरीके से एसटीएफ ने साक्ष्य जुटाए और फिर डा. अखलाक के नौकर शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया। शाहरुख ने जो कुछ बताया, उसके बाद पूरा मामला साफ होता गया।

उसने बताया कि वारदात से एक दिन पहले कुछ शूटर डा. अखलाक के घर आए थे। संपूर्ण साक्ष्य जुटाने के बाद एक अप्रैल को प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ मेरठ यूनिट ने माफिया अतीक अहमद के बहनोई भवानी नगर निवासी डा. अखलाक अहमद को गिरफ्तार कर लिया। खुलासा हुआ कि अतीक अहमद के जेल जाने के बाद पूरा नेटवर्क डा. अखलाक अहमद संभालता था। अतीक से जुड़ा हर राज उसे पता था। ऐसी काफी संपत्ति पुलिस ने ढूंढ निकाली, जिनका जिम्मा डा. अखलाक अहमद पर था। डॉ अखलाक की पत्नी आयशा नूरी और बेटियों की भूमिका भी साफ होती चली गई। एसटीएफ और धूमनगंज पुलिस ने आयशा नूरी की गिरफ्तारी के प्रयास किए लेकिन वह फरार हो गई। इसके बाद कई बार धूमनगंज पुलिस ने आयशा की तलाश में दबिश डाली लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। कुछ समय उसकी कोठी में एक महिला व उसका बेटा भी रहे लेकिन फिर बाद में वह भी चले गए।

सात माह बाद भी पुलिस के लिए चुनौती बनी है आयशा
 एक अप्रैल को एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस ने मेरठ से डा. अखलाक को गिरफ्तार किया था। जब तक पुलिस साक्ष्य जुटाती, तब तक वह फरार हो गये। सात माह बीत चुके हैं लेकिन प्रयागराज पुलिस आयशा नूरी व उसकी दोनों बेटियों का सुराग नहीं लगा सकी।डा. अखलाक की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने कई खुलासे किये। यहां तक बताया गया कि अतीक की कई संपत्तियां जो मेरठ में मौजूद थीं, उनकी देखरेख की जिम्मेदारी डा. अखलाक व उनका परिवार संभालते थे। गुड्डू बमबाज ने जब डा. अखलाक के घर में पनाह ली तो उस वक्त घर में आयशा और दोनों बेटियां थीं। फिर आयशा व दोनों बेटियों के नाम मुकदमे में शामिल हुए। प्रयागराज पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए कई दबिश दीं लेकिन वह हाथ नहीं आई। इसके बाद आयशा नूरी पर 50 हजार का ईनाम घोषित हो गया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया। आखिरी बार 18 अगस्त को प्रयागराज पुलिस मेरठ आई थी और आयशा की कोठी पर कुर्की नोटिस चस्पा किया था। शुक्रवार को प्रयागराज पुलिस ने यहां कुर्की की कार्रवाई की।

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