ट्रेन में यात्रियों का माल उड़ाकर भरते थे जुर्माना, पुलिस ने तीन को दबोचा
उत्तर प्रदेश में कानपुर सेंट्रल स्टेशन के पास से पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह तीनों गिरफ्तार सदस्य स्लीपर कोच में यात्रियों के जेवर और नकदी उड़ाते थे।
जीआरपी ने रविवार को अंतर्राज्यीय गैंग के तीन चोरों को गिरफ्तार किया। ये लोग ट्रेनों के स्लीपर कोच में यात्रियों के जेवर और नकदी उड़ाते थे। ये जुर्माना भरकर ट्रेन में ही टिकट बनवा लेते थे, फिर दूसरे कोच में आराम से सफर करने के बाद चोरी का माल लेकर अपने स्टेशन पर उतर जाते थे। साढ़े छह लाख का माल बरामद करने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया गया। गरीब रथ समेत कई ट्रेनों में गिरोह लंबे समय से सक्रिय था।
अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष आनंद व एसपी रेलवे प्रयागराज सिद्धार्थ शंकर मीना ने कानपुर सेंट्रल समेत जीआरपी के सभी थानों की पुलिस को गैंग पर निगरानी को कहा था। जीआरपी के डिप्टी एसपी कमरूल हसन ने इंस्पेक्टर जीआरपी रामकृष्ण द्विवेदी को गुपचुप लगाया। राजकीय रेलवे पुलिस ने जाल बिछाया। कानपुर देहात के ग्राम अबलपुर थाना मूसानगर निवासी प्रमोद कुमार, गाजीपुर के ग्राम बारा थाना गहमर निवासी परवेज खान और कानपुर देहात के ग्राम फतेहपुर थाना मूसानगर निवासी इलियास मंसूरी को कानपुर सेंट्रल के टैक्सी स्टैंड के पास से दबोचा। ये लखनऊ के जानकीपुरम स्थित जी-67 मकान में रहते थे। गिरोह में एक और सदस्य है जो फरार है।
ट्रॉली बैग पर रखते थे निगाह: इंस्पेक्टर जीआरपी के मुताबिक सदस्यों ने पूछताछ में बताया कि आरक्षित कोचों में सफर करने वाले यत्रियों के ट्रॉलीबैग पर निगाह रखते थे। खुद रिजर्वेशन नहीं कराते थे, बल्कि जनरल टिकट लेकर चढ़ते थे और टीटीई को जुर्माना देकर टिकट बनवा लेते थे। प्रमोद पर मूसानगर थाने में तीन मुकदमे, इलियास पर एक केस दर्ज है। परवेज के खिलाफ गाजीपुर और लखनऊ जीआरपी थाने में 14 आपराधिक मामले चल रहे हैं।