गंगा में तेज बढ़ाव से वाराणसी में डूबा महाश्मशान, गलियों और छतों पर शुरू हुआ दाह संस्कार
गंगा के जलस्तर में तेज बढ़ाव जारी है। पिछले 36 घंटे में करीब साढ़े तीन मीटर जलस्तर बढ़ने से खलबली है। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चैंबर डूब गए हैं। इससे छतों और गलियों में दाहसंस्कार हो रहा है।
गंगा के जलस्तर में तेज बढ़ाव जारी है। पिछले 36 घंटे में करीब साढ़े तीन मीटर जलस्तर बढ़ने से खलबली है। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के चैंबर डूब गए हैं। इससे गलियों और छत पर दाह संस्कार शुरू कराया गया है। प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर शीतला मंदिर परिसर में भी गंगा का पानी हिलोरे लेने के करीब है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार की सुबह गंगा का जलस्तर 67.68 मीटर तक पहुंच गया था। जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से करीब ढाई मीटर दूर है। फिलहाल 2 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव भी जारी है।
इससे पहले बुधवार रात 8 बजे जलस्तर 67.30 मीटर दर्ज किया गया था। तब बढ़ाव तीन सेमी प्रति घंटे हो रहा था। आयोग के अनुसार बुधवार सुबह 8 बजे जलस्तर 66.9 मीटर दर्ज किया गया था। जो मंगलवार की सुबह 8 बजे की तुलना में 02.84 मीटर बढ़ चुका था। बुधवार दोपहर 12 बजे तक प्रतिघंटे चार सेमी जलस्तर बढ़ा। इसके बाद रफ्तार कम होकर 3 सेमी प्रति घंटे हो गई।
जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। एनडीआरएफ और जल पुलिस को लगातार घाटों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।
छत पर गंगा आरती
दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट समेत अन्य घाटों पर होने वाली गंगा आरती का स्थल लगातार बदल रहा है। अस्सी घाट पर बुधवार शाम सुबह-ए-बनारस स्थल के प्लेटफॉर्म पर आरती हुई लेकिन देर शाम प्लेटफॉर्म भी डूब गया। दशाश्वमेध घाट पर भी गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत पर गंगा आरती की गई। इससे काशी पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं को नाव से गंगा आरती नहीं देख पाने का मलाल भी रहा।