बैंक लॉकर में रखे 18 लाख के नोट चट कर गई दीमक, क्या मुआवजा मिलेगा? जानें क्या कहता है नियम
लॉकर धारक महिला ने बैंक में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन नियमों का हवाला देकर बैंक ने हाथ खड़े कर दिए। लॉकरधारक महिला के परिजनों ने बैंक प्रबंधन की लापरवाही पर हंगामा किया तो सूचना पर पुलिस भी पहुंची।
Bank Locker: बैंक के लॉकर में 18 लाख रुपये के नोट रखना एक ग्राहक को बहुत भारी पड़ गया। लॉकर में रखी सारी नकदी दीमक ने चट कर डाली। ग्राहक ने सोमवार को लॉकर खोला तो नोटों का पाउडर देखकर उसके होश उड़ गए। लॉकर धारक महिला ने बैंक में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन बैंक ने नियमों का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए। लॉकरधारक महिला के परिजनों ने बैंक प्रबंधन की लापरवाही पर हंगामा किया तो सूचना पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन कोई शिकायत न होने पर वापस लौट आई।
नोटों के दीमक के चट कर जाने का मामला रामगंगा विहार स्थित एक बैंक शाखा का है। महिला लॉकरधारक ने सोमवार को अपना बैंक लॉकर चेक किया। बैंक में रखी करंसी की हालत देखकर उनके होश उड़ गए। लॉकर धारक महिला का दावा था कि लॉकर में उसके 18 लाख रुपये रखे थे, जो दीमक ने चट कर दिए हैं।
लॉकर में नोटों का पाउडर देख उड़े होश
बेहाल ग्राहक ने परिजनों के साथ बैंक प्रबंधन को सूचना दी, लेकिन बैंक प्रबंधन ने नियमों का हवाला देते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद लॉकर धारक ने शोरशाराबा मचाना शुरू किया तो जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना पर रामगंगा विहार चौकी पुलिस भी बैंक की शाखा में पहुंची, लेकिन, इस मामले में न तो ग्राहक और न ही बैंक प्रबंधक की ओर से कोई तहरीर पुलिस को दी गई।
विषम परिस्थितियों में ही मिल सकता है हर्जाना
अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक विशाल दीक्षित ने बताया कि बैंक में रखे सामान के बीमा का प्रावधान है, लेकिन प्राकृतिक आपदा सरीखी विषम एवं विशेष परिस्थितियों में ही बैंक की तरफ से नुकसान का हर्जाना मिल सकता है। यह हर्जाना भी किसी एक ग्राहक को न मिलकर सभी लॉकरधारक ग्राहकों को एक समान रूप से प्राप्त होगा। बैंक किसी लॉकरधारक से यह नहीं पूछ सकता कि उसमें क्या रखा गया है, क्योंकि लॉकर में रखा जाने वाला सामान नियमानुसार पूरी तरह से गोपनीय होता है। किसी ग्राहक की तरफ से रखे गए सामान का विवरण बैंक को देने का प्रयास भी गोपनीयता के भंग होने से जुड़ता है।
कई बैंक लॉकर्स में दीमक
बारिश के मौसम के चलते कई बैंकों की ब्रांच के लॉकर्स में दीमक लगी है। कई ग्राहकों ने यह समस्या बैंक प्रबंधन के सामने इस बात का हवाला देकर जाहिर की है कि लॉकर्स में रखे उनके कागज खराब हो गए हैं। हालांकि बैंक प्रबंधन इस मामले में कोई लिखित आश्वासन लॉकर होल्डर्स को नहीं दे सका है।
क्या बोली पुलिस
रामगंगा बिहार चौकी प्रभारी राजवेंद्र कौर ने कहा कि लॉकर में रखे नोटों को दीमक के खा लेने का पूरा मामला बैंक का है। पुलिस में बैंक या किसी ग्राहक की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। बैंक ने एक सूचना दी थी, जिसके बाद पुलिस वहां गई थी, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं मिलने पर बाद में लौट आई थी।