Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Teachers posted in Bahraich are also getting salary from Barabanki revealed in PAN card investigation

बहराइच में तैनात शिक्षक बाराबंकी से भी ले रहा वेतन, पैन कार्ड की जांच में हुआ खुलासा 

यूपी शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही जांच में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बहराइच में 24 वर्षों से सेवारत शिक्षक की बाराबंकी जिले से भी वेतन लेने का खुलासा हुआ है। जांच में...

Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, बहराइचSun, 5 July 2020 05:44 PM
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यूपी शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही जांच में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बहराइच में 24 वर्षों से सेवारत शिक्षक की बाराबंकी जिले से भी वेतन लेने का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आए तथ्य के बाद बीएसए ने बाराबंकी से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के साथ ही आहरित 75 लाख रुपये वेतन के रिकवरी की तैयारी की गई है। शिक्षक को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी की गई है, लेकिन अब तक शिक्षक सामने नहीं आया है।

शुरुआती जांच में रामकिशुन के 1996 में नवाबगंज ब्लॉक में शिक्षक पद पर तैनाती हुई थी। वर्ष 2017 में पदोन्नति होकर वह प्रधान शिक्षक बना दिए गए। अनामिका प्रकरण के बाद अब जब बेसिक शिक्षा विभाग में सभी शिक्षकों के बीएड, शैक्षिक व वेतन पत्रावलियों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई तो रामकिशुन के बहराइच के अलावा बाराबंकी में तैनाती होने के सबूत मिले।

पैन की जांच में हुए खुलासे ने शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए ने शिक्षक को दो बार साक्ष्य प्रस्तुत करने की नोटिस जारी की है। इसके अलावा बाराबंकी के बीएसए से रामकिशुन का ब्योरा मांगा है, ताकि आहरित 75 लाख वेतन के साथ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा सके। सोमवार तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

तीन शिक्षकों की हो रही जांच

चित्तौरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय घोटाही में शिक्षक पद पर अर्चना की वर्ष 1990, रिसिया ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में कुलदीप की वर्ष 1994 व विशेश्वरगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय गंगाजमुनी में अमित कुमार की 1984 में तैनाती हुई थी। वर्तमान ये शिक्षक जिले में नहीं है। बावजूद इसके, इनकी तैनाती से लेकर जाने तक की प्रक्रिया की जांच हो रही है।

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