Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Sword hangs on those who get arms license from non-provinces confidential investigation started in all districts of UP

गैर प्रांतों से शस्त्र लाइसेंस बनवाने वालों पर लटकी तलवार, यूपी के सभी जिलों में गोपनीय जांच शुरू

गैर प्रांतों खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों से स्थानान्तरण के आधार पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने वालों पर जांच की तलवार लटक गई है।एसटीएफ के खुलासे के बाद सभी जिलों में बने ऐसे शस्त्र लाइसेंस जांच शुरू हो गई।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 29 May 2023 08:09 AM
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गैर प्रांतों खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों से स्थानान्तरण के आधार पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने वालों पर जांच की तलवार लटक गई है। लखनऊ में एसटीएफ के खुलासे के बाद सभी जिलों में बने ऐसे शस्त्र लाइसेंस जांच के दायरे में आ गए हैं। डीजीपी मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिलों में इसकी गोपनीय जांच शुरू हो गई है। 
लखनऊ से बनवाए गए संदीप सिंह के फर्जी शस्त्र लाइसेंस के खुलासे से सभी जिले अलर्ट हो गए हैं।

एसटीएफ ने यह खुलासा अपने स्तर से शस्त्र लाइसेंस का सत्यापन कराने के बाद किया। गोसाईंगंज (अयोध्या) से सपा के विधायक अभय सिंह के साले संदीप ने नागालैंड से शस्त्र लाइसेंस जारी होने का दावा करते हुए उसका लखनऊ में स्थानान्तरण कराया था। सत्यापन में नागालैंड से शस्त्र लाइसेंस बनाए जाने की बात ही गलत पाई गई। इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर, बिहार, झारखंड, असम, मेघालय व त्रिपुरा समेत कई राज्यों से शस्त्र लाइसेंस का स्थानान्तरण कराकर अलग-अलग जिलों में शस्त्र लाइसेंस जारी कराने के मामले सामने आते रहे हैं। कई बार इस खेल में शस्त्र विक्रेता भी लिप्त पाए गए, क्योंकि वे शस्त्र की बिक्री के लिए ऐसे लाइसेंस जारी कराने के ‘खेल’ में भी शामिल होते हैं। 

सूत्रों के अनुसार ऐसे शस्त्र लाइसेंस ज्यादातर ऐसे व्यक्तियों द्वारा बनवाए जाते हैं, जिनके आपराधिक मुकदमे होते हैं। जिलों में पुलिस की जांच के दौरान आपराधिक मुकदमों का ब्योरा सामने आने पर आमतौर पर शस्त्र लाइसेंस मिल पाना कठिन होता है। ऐसे में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह की मदद से दूसरे राज्यों के शस्त्र लाइसेंस के स्थानान्तरण का रास्ता अख्तियार किया जाता है। डीजीपी मुख्यालय ने संदिग्ध शस्त्र लाइसेंस का गोपनीय ढंग से सत्यापन कराते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। 

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