सूरजपाल जाटव को घेरे रहता है गोपिका ग्रुप, सुरक्षा में तीन और निजी सेना, नाम और काम अलग
हाथरस भगदड़ कांड में 121 मौत से चर्चा में आए कासगंज के रहने वाले सूरजपाल उर्फ नारायण हरि साकार उर्फ भोले बाबा चार तरह के सुरक्षा घेरे में रहते हैं जिसमें एक घेरा महिला गार्ड का है।
हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत से चर्चा में आए सूरजपाल जाटव उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के राजसी जीवन से जुड़ी बातें अब धीरे-धीरे सामने आ रही है। कुछ तो पुलिस को जांच में पता चल रहा है तो कुछ बाबा से जुड़े और प्रभावित रहे लोग बता रहे हैं। सूरजपाल जाटव की सुरक्षा को लेकर आई पुलिस की जांच में पता चला है कि बाबा चार तरह के सुरक्षा घेरे में रहते हैं। इसमें तीन सुरक्षा दस्तों में मर्द होते हैं जिसे अलग-अलग सेना का नाम दिया गया है। चौथी सुरक्षा टीम महिलाओं से बनी है जिसे गोपिका यूनिट कहा जाता है। मजेदार ये है कि भोले बाबा की हर सेना का ड्रेस और काम अलग है।
बाबा जिस भी आश्रम में रहते हैं, उनके कमरे तक सिर्फ सात लोगों की पहुंच है। ये वो सात लोग हैं जो बाबा के साथ शुरुआत से जुड़े हुए हैं। इनमें भरोसेमंद सेविका और सेवादार शामिल हैं। बाबा जब लोगों के सामने आते हैं या किसी कार्यक्रम में जाते हैं तो उनकी सुरक्षा में चार निजी सेना सक्रिय हो जाती है। बाबा आश्रम में भी रहें तो इन सेनाओं को सुरक्षा घेरे के हिसाब से अपना काम करना होता है। बाबा जब सार्वजनिक दर्शन में होते हैं तो उन्हें चारों तरफ से महिलाओं की एक सेना घेरे रहती है। गोपिका यूनिट नाम की इस सेना का एक महत्वपूर्ण काम है, दर्शन के लिए आए लोग किसी भी हालत में बाबा का फोटो या वीडियो ना बनाएं। गोपिका यूनिट की महिलाएं केंद्रीय सुरक्षा बलों की वर्दी जैसी ड्रेस में रहती हैं।
बाबा के सत्संग जैसे कार्यक्रम जब होते हैं तो बाबा की नारायणी सेना, हरिवाहक सेना और गरुड़ योद्धा सेना एक्टिव हो जाती है। नारायणी सेना की एक टुकड़ी में 50 सुरक्षा गार्ड होते हैं जो हल्की गुलाबी रंग की वर्दी में होते हैं। नारायणी सेना की कई टुकड़ी होती हैं जो आश्रम से लेकर सत्संग जैसे कार्यक्रमों की व्यवस्था और सुरक्षा संभालती है। इस सेना के पास आयोजन के रास्ते से लेकर भीड़ के बीच तक व्यवस्था बनाए रखने का काम होता है। दूसरी सेना है हरिवाहक सेना जिसकी एक टुकड़ी में 25 लोग होते हैं। ये बाबा के आने-जाने वाले रास्तों की सुरक्षा देखती है। कोई अनुयायी बाबा की इच्छा या बुलावे के बिना उनके पास तक ना पहुंचे, ये इस सेना का काम है।
गरुड़ योद्धा सेना में 20 लोग होते हैं जो भोले बाबा के काफिले में चलते हैं। भारतीय सुरक्षा बल के ब्लैक कैट कमांडों की तरह के कपड़े पहने गरुड़ योद्धा टीम के सुरक्षा गार्ड बाबा के असल बॉडीगार्ड हैं जो आश्रम से लेकर कार्यक्रमों तक बाबा को सुरक्षा कवर देते हैं। गरुड़ योद्धा का दस्ता बाबा की गाड़ियों के काफिले के आगे पीछे चलता है और कार रुकने पर उन्हें घेरकर चलता है।
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पुलिस को जांच में सुराग मिले हैं कि बाबा की सेनाओं को ट्रेनिंग देने में यूपी पुलिस के सेवारत और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। जो पुलिस वाले नौकरी में हैं वो छुट्टी लेकर बाबा की सेना को ट्रेनिंग देते हैं और सत्संग जैसे बडे़ कार्यक्रम में व्यवस्था बनाने के लिए सेवा देते हैं। पुलिस उनकी भी पड़ताल कर रही है।