एसटीएफ ने सीतापुर में दबोचा फर्जी शिक्षक, देवारिया में था तैनात
एसटीएफ ने सीतापुर से फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया। बताते हैं कि देवरिया का रहने वाला आरोपी वर्ष 2009 से जिले में तैनात था। एसटीएफ टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए कोतवाली नगर में केस दर्ज कराया है।...
एसटीएफ ने सीतापुर से फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया। बताते हैं कि देवरिया का रहने वाला आरोपी वर्ष 2009 से जिले में तैनात था। एसटीएफ टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए कोतवाली नगर में केस दर्ज कराया है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने वाले फर्जी शिक्षक को जेल भेजा गया है।
वर्ष 2009 में देवरिया बेलही बैतालपुर निवासी ऋषिकेश मणि त्रिपाठी ने जिले में नियुक्ति कराई था। तबसे वह आजमगढ़ निवासी बजरंग भूषण के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक के पद पर नौकरी था। वर्तमान में लहरपुर क्षेत्र के परबतपुर प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात था। बताते हैं कि बीते माह शिक्षकों के नाम पते आदि की स्कूटनी कराई गई तो उसमें घालमेल मिला। इसी के बाद एसटीएफ लखनऊ ने कुल मामले में जांच शुरू की।
पड़ताल के बीच पता चला कि प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात आजमगढ़ निवासी बजरंग भूषण नहीं बल्कि कोई और है। इसी के बाद एसटीएफ लखनऊ से एक टीम ने गुरुवार देर रात सीतापुर आकर डेरा डाला। सटीक सूचना के बाद निरीक्षक एसटीएफ प्रमोद और उनकी टीम ने सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक बनकर फर्जीवाड़ा करने वाले ऋषिकेश मणि त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। अफरातफरी के बीच एसटीएफ ने कोतवाली लाकर आरोपी के विरुद्ध केस दर्ज कराया।
शुक्रवार को विधिक कार्रवाई के बीच कोतवाली पुलिस ने फर्जी शिक्षक बनकर फर्जीवाड़ा करने वाले ऋषिकेश मणि त्रिपाठी को जेल भेजा। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक टीपी सिंह का कहना है कि लखनऊ से आए एसटीएफ निरीक्षक प्रमोद की ओर से दर्ज कराए गए अभियोग के आधार पर आरोपी के विरुद्ध जेल भेजने की कार्रवाई की गई है।
11 वर्ष से लगा रहा था चपत
वर्ष 2009 में हुई नियुक्ति के बाद से शिक्षक बन बैठा ऋषिकेश मणि त्रिपाठी राजस्व का नुकसान कर रहा था। सूत्रों की मानें तो पहले विभागीय जांच शुरू हुई, लेकिन ऊंची रसूख के चलते सबकुछ दबा दिया गया। शिक्षा विभाग जल्द ही आरोपी से दिए गए वेतन की रिकवरी करेगा।