मां के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने को बेच दी बाइक और चेन, भाई की दो महीने पहले हो गई थी मौत
कोरोना से संक्रमित हुई मां व भाई के इलाज और जरूरी उपकरण को खरीदने के लिए युवक ने अपनी चेन और बाइक तक बेच दी। अकेले भाई के इलाज में 10 लाख रुपये खर्च हो गए। लेकिन भाई की जान नहीं बची। मां भी 30 दिन से...
कोरोना से संक्रमित हुई मां व भाई के इलाज और जरूरी उपकरण को खरीदने के लिए युवक ने अपनी चेन और बाइक तक बेच दी। अकेले भाई के इलाज में 10 लाख रुपये खर्च हो गए। लेकिन भाई की जान नहीं बची। मां भी 30 दिन से अस्पताल में भर्ती हैं। उनके लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व सीपैप मशीन की जरूरत देख युवक को अपनी चेन व बाइक बेचनी पड़ी।
चरगांवा के रहने वाले पप्पू यादव की मां बीते एक महीने से अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोना से तो ठीक हो गईं लेकिन स्लीप एप्निया के चलते सांस लेने में दिक्कत होने लगी। सभी जांच रिपोर्ट नार्मल पर होने पर जब चिकित्सक ने घर ले जाने की सलाह दी तो कहा कि घर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जरूर रख लें। तभी घर ले जाएं क्योंकि संभव है कि बीच-बीच में उसकी जरूरत पड़े। डॉक्टर के सलाह पर पप्पू ने उपकरण खरीदने का मन बना लिया। लेकिन बीते दिनों अपने भाई को खो चुके पप्पू उनकी इलाज पर 10 लाख रुपये खर्च कर आर्थिक रूप से टूट चुके थे। हाथ में पैसे बिल्कुल भी न थे। स्वाभीमानी होने के चलते किसी से उधार भी नहीं मांगा। कोई और रास्ता न देख पप्पू ने एक गैराज वाले को 50 हजार रुपये में अपनी बाइक बेच दी। पैसे कम पड़ने पर अपनी चेन बेच सवा लाख रुपये में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सीपैप मशीन खरीद लाए।
मां के घर आने का इंतजार
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सीपैप मशीन खरीद चुके पप्पू को इन दिनों अपनी मां के घर आने का इंतजार है। उनकी मां बीते एक महीने से अस्पताल में भर्ती हैं। सबसे अधिक हैरान करने वाली बात तो यह है कि खुद पप्पू यादव भी अस्पताल में 10 दिन तक कोरोना से लड़ने के बाद अस्पताल से घर लौटे थे। खुद अस्वस्थ होने के बावजूद रोजाना अस्पताल में मां की ही देखरेख कर रहे हैं।
पैसे तो बाद में भी कमा लूंगा
पप्पू का कहना है कि भाई को तो पहले ही खो चुका हूं। अब मां को नहीं खोना चाहता। पैसा तो मैं बाद में भी कमा लूंगा। बस मां ठीक होकर घर आ जाए। जिस मां ने पिता के न होने का अहसास तक न होने दिया उसके लिए खुद को भी समर्पित कर दूं तो कम ही होगा।