शहरी मातृ अर्पण योजना में काम को मंजूरी देगी सोसायटी, ये होगा फायदा
यूपी में उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी का गठन होगा और शहरी मातृ अर्पण योजना में काम को मंजूरी यही सोसायटी देगी। प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट वेब पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शहरों में लोगों को अपने हिसाब से विकास कराने के लिए शुरू हुई उत्तर प्रदेश मातृ अर्पण योजना के काम को मंजूरी सोसायटी के माध्यम से दी जाएगी। स्थानीय निकाय निदेशक उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी का गठन करेगा। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन व पर्यवेक्षण में निदेशक नगरीय निदेशालय की सहायता प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट (पीएमयू) करेगी।
पीएमयू द्वारा इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल एप तैयार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से दानदाताओं के दान की राशि व सरकार के अनुदान की राशि योजना के लिए खुलवाए गए अलग बैंक अकाउंट (एस्क्रो अकाउंट) में जमा होगी। इस राशि के जमा होने के बाद उससे संबंधित काम के लिए उसे व्यय किया जा सकेगा। किसी भी शेड्यूल बैंक की मदद से पोर्टल को खोला जा सकेगा।
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पोर्टल के ऊपर कामों का विवरण और कार्य का प्रकार आदि दर्शाना होगा, ताकि दानदाताओं को दान देने के लिए सभी प्रकार की सूचना उपलब्ध हो सके। सरकारी अनुदान, सीएसआर और अन्य ग्रांट भी पोर्टल के माध्यम से जमा होंगे। दानदाताओं के साथ सीधा संपर्क करने और अनुरोध व समस्याओं के निवारण के लिए एक कॉल सेंटर का प्रयोग किया जाएगा। योजना के प्रचार प्रसार के लिए देश व विदेशों में रोड शो का आयोजन किया जाएगा। इसमें 60 फीसदी दानदाता देगा और 40 फीसदी सरकार देगी।
काम पूर्ण होने के बाद दानकर्ता की ओर से प्रमाण पत्र मिलने के बाद इस योजना के तहत दानकर्ता व राज्य सरकार द्वारा दिए गए अनुदान की राशि के 0.5 प्रतिशत या अधिकतम प्रति कार्य 10 हजार रुपये की सीमा में नगर निकाय को फीस का भुगतान किया जाएगा। इस फीस की धनराशि 50 प्रतिशत दानकर्ता और 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। नगर आयुक्त व अधिशासी अधिकारी संबंधित दानकर्ताओं को संपर्क करके उन्हें इस योजना की जानकारी देंगे और नगरीय निकाय के विकास के लिए आवश्यक कार्यों का विवरण प्रदान करेंगे।