Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़SIT team settled Re-Creation in just 17 minutes in incident case where Vivik Tiwari was shot dead by UP constable

लखनऊ शूटआउट: SIT टीम ने की खानापूर्ति, महज 17 मिनट में निपटा दिया री-क्रिएशन

बेलगाम सिपाहियों की गोली का शिकार हुए विवेक तिवारी को क्या न्याय मिल पाएगा? यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि इस हत्याकांड की जांच में पुलिस शुरू से लापरवाही बरत रही है। वारदात के बाद पुलिस ने घटनास्थल...

लखनऊ, लाइव हिन्दुस्तान टीम Wed, 3 Oct 2018 09:59 AM
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बेलगाम सिपाहियों की गोली का शिकार हुए विवेक तिवारी को क्या न्याय मिल पाएगा? यह सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि इस हत्याकांड की जांच में पुलिस शुरू से लापरवाही बरत रही है। वारदात के बाद पुलिस ने घटनास्थल को सील नहीं किया था और 36 घंटे बाद घटनास्थल का निरीक्षण करके सबूत जुटाए थे। अब नाट्य रूपांतरण के दौरान भी एसआईटी ने खानापूर्ति की।

चश्मदीद सना की मौजूदगी में महज 17 मिनट में री-क्रिएशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। जबकि नाट्य रूपांतरण के दौरान हर पहलू की बारीकी से पड़ताल की जाती है। और तो और सना को दूसरे स्पॉट (जहां गाड़ी टकराई थी) पर महज चंद सेकेंड के लिए ले जाया गया।

सना को एक्सयूवी में बैठाये बिना कर ली जांच
घटना के वक्त सना ड्राइविंग सीट के बगल वाली सीट पर बैठी थी। लेकिन, नाट्य रूपांतरण के दौरान उसे एक बार भी गाड़ी के अंदर नहीं बैठाया गया। जबकि सना को गाड़ी के अंदर बैठाकर गोली लगने और उसके बाद के हालात को बेहतर ढंग से समझा जा सकता था। अगर सना गाड़ी के अंदर बैठकर तथ्यों को बताती तो सिपाही के खड़े होने की लोकेशन और पिस्टल तानने की पोजिशन ज्यादा सटीक होती।

देर से मिली गाड़ी
यह एक दिन पहले ही तय हो गया था कि मंगलवार को क्राइम सीन का री-क्रिएशन होगा। एसआईटी अधिकारियों ने सारी तैयारियां पूरी हो जाने की बात कही थी। लेकिन, ऐन मौके पर उन्हें डमी गाड़ी की याद आई। विवेक के पास एक्सयूपी गाड़ी थी। इस मॉडल की गाड़ी का प्रबंध करने में पुलिस को देरी हुई जिसके चलते नाट्य रूपांतरण टलता रहा।

घर गए एसएसपी
मंगलवार दोपहर एसएसपी कलानिधि नैथानी विवेक तिवारी के घर पहुंचे। कल्पना, उनकी बेटी प्रियांशी व दिव्यांशी से मुलाकात कर हाल चाल जाना। एसएसपी ने बताया कि परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। उन्होंने बताया कि परिवार पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट है। विवेक के साले विष्णु ने बताया कि एसएसपी ने हर सम्भव मदद का भरोसा दिया है।

रॉन्ग साइड से आए थे
नाट्य रूपांतरण के दौरान सना के बयान से एक बात और स्पष्ट हो गई कि हत्यारोपी सिपाही सड़क पर रॉग साइड से आए थे। वहीं एक्सयूवी सवार विवेक और सना सही दिशा से जा रहे थे। सना के मुताबिक उनकी गाड़ी की रफ्तार बहुत धीमी थी। सिपाहियों ने सामने से आकर उनकी गाड़ी के आगे बाइक खड़ी कर दी थी। सना ने बताया कि सिपाही प्रशांत बाइक चला रहा था जबकि संदीप पीछे बैठा था। संदीप के हाथ में डंडा था जबकि प्रशांत के पास पिस्टल थी। बकौल सना, बाइक खड़ी करने के बाद संदीप उसकी तरफ बढ़ा था। इस पर विवेक ने गाड़ी बैक करके आगे बढ़ने की कोशिश की थी। इस दौरान सिपाहियों की बाइक में टक्कर लग गई और गाड़ी का पहिया बाइक पर चढ़ गया था। इसपर विवेक ने दोबारा गाड़ी बैक करके निकलने की कोशिश की तो प्रशांत ने गोली मार दी थी।

आईजी ने मैगजीन निकाल कर दी पिस्टल
दोपहर 3:45 बजे पुलिस टीम सना व विवेक की पत्नी कल्पना और साले विवेक शुक्ला को एक ही गाड़ी में लेकर घटनास्थल पर पहुंची। सना ने एसआईटी को बताया कि विवेक की गाड़ी किस जगह खड़ी थी, सामने से आए सिपाहियों ने बाइक कहां खड़ी की थी। इसके बाद सना ने बताया कि सिपाही ने किस पोजीशन पर गोली चलाई थी। सना ने जैसा-जैसा बताया, एसआईटी ने घटनास्थल की तस्वीर को उसी तरह ढालने की कोशिश की। गोमतीनगर थाने के सिपाही अंकित राजौरा और बलबीर यादव ने हत्यारोपी सिपाहियों की भूमिका निभाई। आईजी सुजीत पाण्डेय ने पिस्टल की मैगजीन निकाल कर सिपाही को थमाई जबकि दूसरा सिपाही हाथ में डंडा लिये था।

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