शिक्षा मित्रों को मिलेगा शिक्षकों के समान वेतन, विधान परिषद में सरकार ने दिया यह जवाब
शिक्षा मित्रों अपनी मांगो को लेकर ंलंबे समय से आंदोलित हैं। चुनावों के दौरान उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कोई कदम उठाने का आश्वासन दिया गया था। शुक्रवार को वेतन का मामला विधानपरिषद में उठा।
शिक्षा मित्रों अपनी मांगो को लेकर ंलंबे समय से आंदोलित हैं। चुनावों के दौरान उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कोई कदम उठाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका है। इस बीच शुक्रवार को एक बार फिर शिक्षा मित्रों का मामला विधान परिषद में उठा। इस पर सरकार ने साफ कर दिया कि शिक्षा मित्रों को शिक्षकों के समान वेतनमान नहीं दिया जा सकता। दोनों की नियुक्ति की प्रकृति एवं शर्ते भिन्न हैं। विधान परिषद में शुक्रवार को सपा के डा. मानसिंह यादव के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने यह स्पष्ट किया। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं है।
विधान परिषद में सपा सदस्य मान सिंह यादव ने सवाल किया कि क्या बेसिक शिक्षा मंत्री बताएंगे कि शिक्षा मित्रों और सहायक अध्यापकों द्वारा एक समान कार्य किया जाता है? यदि हां तो समान कार्य का समान वेतन दिलवाएंगे? इस पर शिक्षा राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने जवाब दिया कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मौलिक पद के प्रति की जाती है।
शिक्षा मित्रों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा संविदा के आधार पर 11 माह के लिए की जाती है। इनकी न कोई नियमावली है और न ही इन्हें वेतन दिया जाता है। दोनों की नियुक्ति की प्रकृति और शर्तें भिन्न होने के कारण काम भी अलग हैं। ऐसे में शिक्षा मित्रों की सहायक अध्यापकों से तुलना करना औचित्यपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि समान वेतनमान देने की भी कोई योजना नहीं है।
इस पर सपा सदस्यों ने कहा कि उनका कुछ मानदेय ही बढ़वा दीजिए। संदीप सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने ही 3500 से बढ़ाकर उनका मानदेय 10,000 रुपये किया था। फिलहाल, मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं है। पूर्व में 15240 शिक्षा मित्र जो सहायक अध्यापक की अर्हता पूरी करते थे, उन्हें सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दी जा चुकी है।
शिक्षकों की एनपीएस से जुड़ी समस्याएं दूर की जाएंगी
विधान परिषद में सरकार ने शिक्षक दल को आश्वासन दिया कि शिक्षकों से जुड़ी एनपीएस की सभी तरह की समस्याएं शीघ्र दूर कर दी जाएगी। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने कहा कि एनपीएस में सरकारी अंशदान हर माह नियमित रूप से जमा किया जा रहा है। वहीं नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इससे पहले की सरकारों ने तो पेंशन के लिए खाता ही नहीं खोला था। हमारी सरकार आई तो उनके खाते में जमा होना शुरू हुआ और शिक्षकों के अंश की कटौती शुरू हुई। फिर भी यदि कोई तकनीकी दिक्कतें हैं तो उनको दूर किया जाएगा।
दरअसल शून्यकाल में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने नई पेंशन योजना में कई तकनीकी दिक्कतों का मुद्दा उठाया और कहा कि शिक्षकों को एनपीएस में अंशदान नहीं जमा कराया जा रहा है। श्री ने कहा कि 2014 तक पेंशन के लिए शिक्षकों और सरकार के अंश की कटौती ही नहीं की गई। अब भी यह पता नहीं चल पाता है कि किस शिक्षक के खाते में कितना पेंशन का अंश जमा है। कई जिलों से शिकायत आई है कि वहां अब भी सरकार अपने हिस्से की राशि जमा नहीं कर रही।