लाड़ली मांगे इंसाफ: टप्पल कांड की मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट शासन को भेजी
टप्पल कांड की मजिस्ट्रियल जांच शासन को भेज दी गई है। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए पुलिस अफसरों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। एडीएम प्रशासन की जांच रिपोर्ट में पुलिस को दोषी माना गया है। जिसमें एसएचओ...
टप्पल कांड की मजिस्ट्रियल जांच शासन को भेज दी गई है। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए पुलिस अफसरों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। एडीएम प्रशासन की जांच रिपोर्ट में पुलिस को दोषी माना गया है। जिसमें एसएचओ सहित एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी दोषी बनाए गए हैं।
टप्पल के मोहल्ला कायस्थान से ढाई वर्ष की मासूम 30 मई को लापता हो गई थी। दो जून को मासूम का शव घर से कुछ ही दूरी पर कूड़े के ढेर पर मिला था। पुलिस ने पांच जून को घटना का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हत्या की वजह रुपये का लेनदेन बताई थी। इसके बाद इस मुद्दे ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ा। मासूम की हत्या के बाद बवाल बढ़ने पर आठ जून को डीएम चंद्रभूषण सिंह ने हत्याकांड की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश करते हुए एडीएम प्रशासन केएल तिवारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। अब जाकर तीन महीने 10 दिन में जांच पूरी हो सकी।
बयान दर्ज कराने में पुलिस की लापरवाही
मासूम के परिजनों द्वारा दी गई तहरीर पर जहां मुकदमा पुलिस ने 24 घंटे देरी से दर्ज किया। वहीं मजिस्ट्रियल जांच में भी पुलिस ने बयान दर्ज कराने में लापरवाही दिखाई। घटना से जुड़े पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज नहीं होने की वजह से जांच लंबित चल रही थी। एक महीने से अधिक समय तक इंस्पेक्टर ही बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे थे।
टप्पल कांड की मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट का शासन को भेज दी गई है। यह एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। जो भी रिपोर्ट में दोषी पाए गए हैं। उन पर शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी।
-चंद्रभूषण सिंह, डीएम।