बीएचयू में मारपीट-छिनैती-दुराचार के बाद सिक्योरिटी ऑडिट, टॉप क्लास होगी सुरक्षा; लगेंगे अत्याधुनिक कैमरे
BHU की सुरक्षा व्यवस्था को भी विश्वस्तरीय बनाने पर काम शुरू हो गया है। मजबूत सुरक्षा और खुफिया तंत्र के साथ ही अब इस विश्वविद्यालय में नया और तगड़ा सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क बनाने की तैयारी है।
BHU security arrangements: क्षेत्रफल में एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय बीएचयू की सुरक्षा व्यवस्था को भी विश्वस्तरीय बनाने पर काम शुरू हो गया है। मजबूत सुरक्षा और खुफिया तंत्र के साथ ही अब यहां नया और तगड़ा सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क बनाने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट पर बीएचयू और आईआईटी बीएचयू साथ काम कर रहे हैं। पूरे परिसर में लगभग 600 हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे।
बीएचयू और आईआईटी परिसर का पिछले दिनों सीआईएसएफ की टीम ने दौरा किया था। परिसर में मारपीट और छिनैती की कई घटनाओं और 2 नवंबर-2023 को आईआईटी बीएचयू में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद परिसर का सिक्योरिटी ऑडिट कराया गया। बीएचयू परिसर में 15 दिन बिताकर सीआईएसएफ के विशेषज्ञों ने कई पहलुओं पर काम किया। इनमें प्रमुख बिंदु सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क तैयार करना भी था।
योजना के अंतर्गत लगाए जाने वाले सभी कैमरे हाई रिजोल्यूशन और नाइट विजन से लैस होंगे। प्रमुख स्थानों पर ऊंचाई पर डूम कैमरे भी लगाए जाएंगे जो एक साथ चारों तरफ निगरानी कर सकेंगे। इसके अलावा नंबर प्लेट और चेहरा पहचानने वाले कैमरे भी खास होंगे। इनके जरिए परिसर में वाहनों और संदिग्ध लोगों की निगरानी की जा सकेगी। इस मामले पर पिछले दिनों बीएचयू और आईआईटी की संयुक्त बैठक में भी चर्चा की गई है।
बीएचयू और आईआईटी में लगेंगे अलग कैमरे
परिसर के सिक्योरिटी प्लान के मुताबिक बीएचयू परिसर में 375 कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। चिह्नित 90 स्पॉट पर इन्हें इंस्टॉल किया जाएगा। मुख्य मार्गों पर दोनों तरफ की लेन पर निगरानी के लिए अलग कैमरे लगेंगे। आईआईटी बीएचयू परिसर में भी लगभग 240 कैमरे लगाने का प्रस्ताव है।
स्ट्रीट लाइटों को भी करें दुरुस्त
परिसर में सुरक्षा के तमाम प्रबंध जितने जरूरी हैं, उतना ही जरूरी रात में स्ट्रीट लाइटों की रोशनी बढ़ाना भी है। फिलवक्त जितने भी मार्गों पर स्ट्रीट लाइट लगी हैं, उनकी रोशनी बमुश्किल सड़क तक पहुंचती है। ये बड़ी वजह है कि कई घटनाएं शाम ढलने के बाद होती हैं। विश्ववविद्यालय प्रशासन को इस ओर भी गंभीरता से सोचना चाहिए।
क्या बोले चीफ प्रॉक्टर
बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवपकाश सिंह ने कहा कि सीआईएसएफ के विशेषज्ञों ने पूरे परिसर में 90 स्पॉट चिह्नित कर वहां कैमरे लगाने की योजना तैयार की है। इनमें वे स्थान हैं, जो मुख्य मार्ग होते हुए भी सुनसान रहते हैं और ऐसे रास्ते भी हैं जहां दिनरात आवागमन होता है।
कैमरे और उनकी खासियत
डूम कैमरा : हाईमास्ट यानी ऊंचे खंभों पर लगाए जाने वाले यह कैमरे 300 मीटर के इलाके की निगरानी में सक्षम। उच्च क्षमता के यह कैमरे भीड़ के बीच भी किसी व्यक्ति की छोटी से छोटी डिटेल दिखा सकता है।
फेस रिकोग्निशन कैमरा : चेहरा पहचानने की तकनीकी से लैस यह कैमरे किसी खास व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं। इसके साथ ही सिस्टम में फीड किसी संदिग्ध के दिखने पर यह सुरक्षातंत्र को सूचित भी करते हैं।
नंबर प्लेट रिकोग्निशन कैमरा : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किए गए यह कैमरे वाहनों के नंबर प्लेट पहचान सकते हैं। बीएचयू जैसे परिसर में यह बेहद कारगर साबित होंगे।
नाइट विजन कैमरा : बेहद कम रोशनी के भी रिकॉर्डिंग के क्षमता वाले यह कैमरे सीमा और उच्च सुरक्षा वाले इलाकों में प्रयोग किए जाते हैं। रात के वक्त बिजली न होने पर भी यह बेहद साफ दृश्य दिखा सकते।