हाथरस के सत्संग हादसे में जेल गए 11 आरोपियों पर बढ़ाई धाराएं, न्यायिक आयोग का रहा है जांच
हाथरस के सत्संग हादसे में जेल गए 11 आरोपियों पर धाराएं बढ़ा दी गई हैं। मंगलवार को सभी आरोपी अदालत में पेशी पर आए।
हाथरस में सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलरई में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 श्रदालुओं की मौत के मामले में पुलिस 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मंगलवार को सभी आरोपी अदालत में पेशी पर आए। वहीं इस मामले में दर्ज मुकदमे में कई धाराएं और बढ़ा दी गई हैं।
सिकंदराराऊ के गांव फुलरई के निकट दो जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद चरणों की रज उठाने के दौरान मची भगदड़ में 121 श्रदालुओं की मौत हो गई थी और तमाम लोग घायल हो गए थे। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद इसकी विवेचना सीओ सिटी रामप्रवेश राय कर रहे हैं। अब तक पुलिस ने मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अब भी पुलिस भोले बाबा के सेवादार और आयोजकों की तलाश में जुटी है। मंगलवार को जिला कारागार से आरोपी मेघ सिंह पुत्र हुकुम सिंह निवासी दमदपुरा सिकंदराराऊ, मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह प्रेमी निवासी दमदपुरा, मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार निवासी कचौरा सिकंदराराऊ, मंजू देवी पत्नी किशन कुमार निवासी कचौरा, राम लड़ेते पुत्र हरवारी सिंह निवासी भानपुर कुरावली मैनपुरी, उपेन्द्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह निवासी एटा रोड शिकोहाबाद फिरोजाबाद, देवप्रकाश मधुकर पुत्र रामसिंह निवासी न्यू कॉलोनी दमदमपुरा सिकंदराराऊ, संजू कुमार पुत्र साधु सिंह निवासी गोपालपुर सिकंदराराऊ, रामप्रकाश शाक्य पुत्र परमाई लाल निवासी खाके ताल बेवर मैनपुरी, दुर्वेश कुमार पुत्र दीन सक्सेना निवासी शिव कॉलोनी बेबर मैनपुरी, दलवीर सिंह पुत्र ग्यादीनपाल निवासी किशनपुर गढ़िया मैनपुरी को पुलिस सुरक्षा के बीच हाथरस कोर्ट में पेशी पर लाया गया। यहां सीओ सिटी रामप्रवेश राय की ओर से सीजेएम कोर्ट में धाराओं की बढ़ोत्तरी के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। पुलिस की ओर से 15 जुलाई को दाखिल प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया गया कि जेल में निरुद्व अभियुक्तयों को संबोधित रिमांड के लिए तलब किया जाए। उसी पर कोर्ट ने उन्हें मंगलवार को तलब किया और धारा 132/121 (1) और 7 सीएलए की बढोत्तरी कर दी है।
किस धारा में क्या है सजा का प्रावधान
रिटायर्ड जेडी अभियोजन छवि रंजन द्विवेदी के मुताबिक धारा 7 सीएलए- लोक शांति को प्रकोपित करना। इसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। धारा 132- लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से अभोपरत करने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। धारा 121(1)- लोक सेवक को कर्तव्य पालन से रोक देने के लिए चोट पहुंचा देना। इसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। यह तीनों ही धाराएं संज्ञेय अपराध है और अजमानतीय है।
नप चुके हैं छह अफसर व कर्मचारी
सत्संग हादसे में एसआईटी की जांच रिपोर्ट के बाद शासन स्तर से छह अधिकारी और कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। इसमें एसडीएम, सीओ, इंस्पेक्टर और दो चौकी इंचार्ज शामिल हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री के निर्देश पर न्यायिक आयोग इस पूरे मामले की जांच कर रहा है।
विवेचक सीओ सिटी रामप्रवेश राय ने बताया कि विवेचना में धाराओं की बढ़ोत्तरी होती रहती है। सिकंदराराऊ में हुए सत्संगं हादसे में दर्ज मुकदमे में कुछ धाराओं को बढ़ाया गया है।