Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Sanjeev Jeeva Murder three UP Mafia Don Gangster Atiq Ahmed Ashraf Killed within two months in custody amid Police security

पहले अतीक-अशरफ, अब संजीव जीवा, दो महीने में यूपी पुलिस की सुरक्षा में मारा गया तीसरा गैंगस्टर

उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा में तीन महीने के अंदर तीसरा गैंगस्टर मारा गया है। 15 अप्रैल को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद अपने भाई अशरफ अहमद के साथ मारा गया था। लखनऊ में संजीव जीवा की हत्या हो गई।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 7 June 2023 06:02 PM
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प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा के बीच माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के दो महीने के अंदर बुधवार को लखनऊ कोर्ट में पुलिस की सुरक्षा में मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा की हत्या ने यूपी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। प्रयागराज में पत्रकार बनकर आए शूटरों ने 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ अहमद का मर्डर किया था तो लखनऊ में संजीव जीवा की हत्या वकील बनकर आए हमलावरों ने कर दिया। कोर्ट परिसर में एक हमलावर को वकीलों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है जिसकी पहचान जौनपुर के विजय यादव के तौर पर की गई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जब हमला हुआ तो संजीव जीवा की सुरक्षा में रहे पुलिस के जवान जान बचाने के लिए यहां-वहां छुपने लगे। संजीव जीवा को छह गोली मारने की खबर है और बताया जा रहा है कि अतीक की तरह संजीव के भी सिर के पास निशाना साधा गया है। संजीव जीवा को अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

संजीव जीवा मुख्तार अंसारी गैंग का खास शूटर था जिसका नाम बीजेपी के दो-दो विधायक कृष्णानंद राय और ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में आया था। कृष्णानंद राय केस में संजीव जीवा कोर्ट से बरी हो गया था लेकिन ब्रह्मदत्त द्विवेदी मर्डर केस में संजीव जीवा को मुख्य आरोपी पूर्व विधायक विजय सिंह के साथ आजीवन कैद की सजा सुनाई गई थी। संजीव जीवा लखनऊ की जेल में ही बंद था और अपनी सजा काट रहा था। संजीव जीवा पर और भी कई मुकदमे दर्ज थे और माना जा रहा है कि उसे उनमें से ही किसी एक मुकदमे की पेशी के लिए कोर्ट में पेशी के लिए पुलिस लाई थी।

जिस तरह से संजीव जीवा की हत्या कोर्ट कैंपस में वकील की ड्रेस में आए हमलावरों ने की उसी तरह 2021 में दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या वकील बनकर आए शूटरों ने की थी। दिल्ली कोर्ट में जब जितेंद्र गोगी को मारा गया था तो मारने आए दोनों हमलावरों को पुलिस ने मुठभेड़ में मौके पर ही मार गिराया था। संजीव जीवा के मामले में पुलिस जवानों के बारे में कहा जा रहा है कि गोली चलने पर वो खुद ही छुपने लगे या फायर करने के लिए कवर लेने लगे। एक हमलावर को वकीलों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया है जो वकील की ड्रेस में आया था। 

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