आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षाः अजय ने सुबह 7 बजे ही लीक कर दिया था पर्चा, कुछ देर में वायरल
आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने में शुक्रवार को बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह और सौरभ शुक्ला को पकड़ा गया है। दोनों से पुलिस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। पर्चा सुबह ही लीक हो गया था।
आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने में शुक्रवार को बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह और सौरभ शुक्ला को पकड़ा गया है। दोनों से पूछताछ में कई जानकारियां सामने आईं। खुलासा हुआ कि 11 फरवरी की सुबह सात बजे ही अजय शर्मा ने व्हाट्सऐप से सामान्य अध्ययन और हिन्दी का पेपर भेज दिया था। इस पेपर के सही उत्तर पर टिक भी लगा था। पर्चा मिलते ही सौरभ ने अरुण सिंह को व्हाट्सऐप पर भेज दिया। इसके बाद अरुण ने उन लोगों को पर्चा भेजा, जिनसे रुपये वसूले जा चुके थे।
अरुण पहले ही शक के दायरे में था
पर्चा लीक की बात फैली तो पड़ताल में पहले ही अरुण सिंह का नाम आ गया। अखबारों में भी अरुण का नाम छपा तो सौरभ चौंका। उसने अरुण से सम्पर्क किया तो उसने मोबाइल फेंक देने की बात कही। इस पर सौरभ ने अपना मोबाइल अवध चौराहे के पास नहर में फेंक दिया था। इसके बाद दोनों ने नया मोबाइल और फर्जी आईडी से दूसरा सिम लिया।
पर्चा परीक्षा केन्द्र पहुंचने से पहले लीक हुआ
लखनऊ। एसटीएफ इस बिन्दु पर पड़ताल कर रही है कि पर्चा केन्द्र से पहुंचने से पहले तो लीक नहीं हुआ। इसके पीछे तर्क यह है कि परीक्षा केन्द्रों पर आरओ-एआरओ का पर्चा सात बजे पहुंचना था। मगर पहले ही पर्चा लीक हो गया था। दोनों पालियों का पर्चा इन आरोपितों को मिल गया था। इससे लग रहा है कि परीक्षा केन्द्र पहुंचने से पहले पर्चा लीक हुआ। इस बारे में आरोपितों से पूछताछ के साथ कई अन्य बिन्दुओं पर भी पड़ताल जारी है।
वर्ष 2011 में सिपाही बना था अरुण
डिप्टी एसपी लाल प्रताप के मुताबिक अरुण सिंह वर्ष 2011 में सिपाही भर्ती हुआ था। नौकरी के दौरान वर्ष 2019 में नेशनल इंटर कालेज में शिक्षक भर्ती परीक्षा में नकल कराने में गिरफ्तार हुआ था। उसे एसटीएफ ने पकड़ा था। उसे बर्खास्त कर दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद वह फिर पर्चा लीक गिरोह के लिए काम करने लगा।
सिपाही भर्ती परीक्षा के आरोपी राजीव नयन ने अजय को दिया था पर्चा
लखनऊ। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने में शामिल राजीव नयन मिश्र ने ही अजय शर्मा को पर्चा भेजा था। फिर अजय ने इसे अरुण को भेजा था। अजय ने पहले ही अरुण से कह दिया था कि पेपर जरूर मिलेगा। इस पर अरुण, सौरभ ने कई अभ्यर्थियों से रुपये वसूल लिये थे। सौरभ ने अरुण को अपने स्कूल के पास रिवाज पैलेस में रात को रुकवाया था।
कोचिंग संचालक, ग्राम विकास अधिकारी को भेजा पर्चा
11 फरवरी को सौरभ के मोबाइल में दोनों मीटिंग का पर्चा आ गया था। इसे उसने अरुण को व्हाट्स ऐप कर दिया था। अरुण ने नवीन, योगेन्द्र, नेहा दीक्षित गोण्डा के अंशुमान सिंह, अमित सिंह, अम्बेडकरनगर के नागेन्द्र मिश्र, झांसी के सत्येन्द्र, प्रयागराज में उदय एकेडमी संचालक उदयभान मौर्य, प्रतापगढ़ के ग्राम विकास अधिकारी फरीद अंसारी समेत कई लोगों को व्हाट्स ऐप किया था। नवीन समेत तीन लोग पहले ही पकड़े जा चुके हैं।
व्यापम घोटाले के आरोपी से था सम्पर्क
अरुण जब वर्ष 2019 में जेल गया था तो वहां मुलाकात डॉ. शरद सिंह से हुई थी। डॉ. शरद को वर्ष 2018 में एसटीएफ ने पकड़ा था। शरद मध्य प्रदेश के व्यापं घोटाले का आरोपी रहा है। शरद ने भी राजीव नयन के बारे में बताया था कि वह हर परीक्षा का पर्चा लीक कराने में माहिर है। राजीव नयन भी वर्ष 2022 में एसटीएफ के हत्थे चढ़ चुका है। पिछले साल ग्वालियर में भी वह गिरफ्तार हुआ था। पकड़े गए दोनों आरोपितों को कौशाम्बी पुलिस को सौंप दिया गया है। इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था।
अरुण के पास थी अयोध्या-अमेठी की बुकलेट
लखनऊ। डिप्टी एसपी लाल प्रताप ने बताया कि अरुण से बरामद सामान्य अध्ययन की बुकलेट अयोध्या के रिकाबगंज स्थित एमएलएमएल इंटर कॉलेज और सामान्य हिन्दी की बुकलेट अमेठी के शिव प्रताप सिंह इंटर कॉलेज के परीक्षा केन्द्र की थी। इसकी पुष्टि लोक सेवा आयोग से हुई है। इसके बारे में और ब्योरा आयोग से मांगा गया है।