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टैक्‍स चोरी रोकने को गुड्स वाहनों में RFID की कवायद भी फेल, जानिए क्‍यों

वाणिज्य कर विभाग ने टैक्स चोरी रोकने के लिए गुड्स वाहनों पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडीफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड को अनिवार्य कर रखा है। लेकिन जिम्मेदार अफसरों और कारोबारियों की मिलीभगत से बमुश्किल 10 फीसदी...

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान टीम , गोरखपुर Fri, 25 Dec 2020 07:00 PM
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वाणिज्य कर विभाग ने टैक्स चोरी रोकने के लिए गुड्स वाहनों पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडीफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड को अनिवार्य कर रखा है। लेकिन जिम्मेदार अफसरों और कारोबारियों की मिलीभगत से बमुश्किल 10 फीसदी गुड्स वाहनों पर ही आरएफआईडी कार्ड लग सका है। आरएफआईडी कार्ड नहीं लगने से वाहन स्वामियों के साथ ही व्यापारी कर चोरी का रास्ता तलाश रहे हैं।

जीएसटी को लेकर ई-वे बिल अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही सभी वाहनों पर आरएफआईडी कार्ड को अनिवार्य किया गया था। शर्त थी कि बिना आरएफआईडी के ई-वे बिल जारी नहीं होगा लेकिन अधिकारियों की बेपरवाही से बमुश्किल 10 फीसदी गुड्स वाहनों पर ही आरएफआईडी कार्ड लग सका है। सिर्फ 100 रुपये में बिकने वाले कार्ड के लिए व्यापारियों से 300 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। दरअसल, आरएफआईडी से वाणिज्य कर विभाग गाड़ियों की गतिविधि पर नजर रख सकता है। लेकिन बिना आरएफआईडी कार्ड के गीडा के उद्यमियों से लेकर व्यापारी कर चोरी करते हैं। एक व्यापारी का कहना है कि छोटी दूरी पर एक ई-वे बिल कर दिन में वाहन कई चक्कर लगाते हैं। सबकुछ अधिकारियों की नजर में है, लेकिन वे आंख मूंदे हुए हैं।

आरएफआईडी कार्ड के फायदे
वाणिज्य कर विभाग ने आरएफआईडी कार्ड कर चोरी के लिए अनिवार्य किया है। इसकी गतिविधियों को देखने के लिए विभाग के अधिकारियों के पास एक डिवाइस होती है। जिससे पता चल जाता है कि गाड़ी का मूवमेंट क्या है। यह भी पता चलेगा कि गाड़ी कितने बार और किस टोल प्लाजा से गुजरी है। जिस गाड़ी के लिए इ-वे बिल बना है, उसी से माल जाना चाहिए। लेकिन कार्ड नहीं लगने से गाड़ी की गतिविधि पर नजर नहीं रखी जा सकती है। फास्टैग की तरह ही आरएफआईडी कार्ड को भी गाड़ी के शीशे पर लगाना होता है।

अफसर ही नहीं चाहते आरएफआईडी कार्ड
चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया का कहना है कि गुड्स वाहनों में आरएफआईडी अनिवार्य है। इसके नहीं लगने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। लेकिन पारदर्शी काम नहीं करने वाले कारोबारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से 10 फीसदी गुड्स वाहनों में भी आरएफआईडी कार्ड नहीं लग सका है। अधिकारियों की अनदेखी से 100 रुपये में गाड़ियों पर लगने वाले आरएफआईडी कार्ड के एवज में 300 रुपये तक की वसूली हो रही है।

रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडीफिकेशन कार्ड वाहनों पर नहीं लगने पर 2 हजार से 25 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। पिछले दिनों में पेनॉल्टी की संख्या बढ़ी है। अभियान चलाकर ट्रांसपोर्टरों और वाहन स्वामियों से टैग लगाने के लिए कहा जा रहा है। जिसका असर है। कार्रवाई को और तेज किया जाएगा।
अमित सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर, जीएसटी

 

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