टिकटॉक की भरपाई करेगा झांसी की छात्राओं का रिवाइंड ऐप
चीनी ऐप्स पर बैन लगने के बाद स्वदेशी ऐप्स का निर्माण तेजी से हो रहा है। इस काम में डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान काफी सहायक बन रहा है। इन्हीं अभियानों से प्रेरित होकर झांसी की दो सहेलियों...
चीनी ऐप्स पर बैन लगने के बाद स्वदेशी ऐप्स का निर्माण तेजी से हो रहा है। इस काम में डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान काफी सहायक बन रहा है। इन्हीं अभियानों से प्रेरित होकर झांसी की दो सहेलियों आशिता और वैष्णवी ने एक ऐसा ऐप बनाया है जो टिकटॉक की कमी को पूरा कर देगा। ये दोनों लड़कियां जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा से बीटेक कर रही हैं। उनके इस ऐप में वह सारी विशेषतायें हैं जो टिकटॉक ऐप में मिलती थीं।
भारत द्वारा चायनीज ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के बाद लाखों युवाओं को तगड़ा झटका लगा था, फिर भी देशवासियों ने गृह मंत्रालय द्वारा पारित आदेशों का पालन किया था। टिकटॉक के प्रतिबंधित होने से युवाओं को डिजिटल प्लेटफार्म पर अपनी प्रतिभा दिखाने में जो बाधा उत्पन्न हुई थी, वो अब रिवाइंड ऐप के प्रक्षेपण होने से दूर हो जाएगी।
झांसी की इन दो छात्राओं ने अपने साथियों संग मिलकर यह सराहनीय कार्य किया है। यह ऐप भारत का अब तक का दूसरा शॉर्ट विडियो ऐप है। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप में आगे और भी फीचर्स आवश्यकता के अनुसार आते रहेंगे। इस ऐप को बनाने में आशिता और वैष्णवी के साथ ही रजनीश गुप्ता (जौनपुर), स्वर्णिमा सिंह (वाराणसी) और प्रखर सिंह (वाराणसी) ने अपना योगदान दिया है।