मुर्दें को जिंदा करने के नाम पर जुटाई थी भक्तों की भीड़... 24 साल पहले भोले बाबा को जेल भेजने वाले इंस्पेक्टर ने खोली पोल
भोले बाबा को 24 साल पहले एक बच्ची की मौत के बाद उसके जिंदा करने के आडंबर रचने के मामले में आगरा के शाहगंज थाने से जेल भेजा गया था।जेल भेजने वाले रिटायर इंस्पेक्टर ने उस घटना के बारे में जानकारी दी है।
भोले बाबा को 24 साल पहले एक बच्ची की मौत के बाद उसके जिंदा करने के आडंबर रचने के मामले में आगरा के शाहगंज थाने से जेल भेजा गया था। जेल भेजने वाले फिरोजाबाद के रिटायर इंस्पेक्टर ने उस घटना को बताया और कहा कि बाबा के पास कोई चमत्कार नहीं आडंबर है।
फिरोजाबाद निवासी तेजवीर सिंह यादव जो साल 2000 में आगरा के शाहगंज थाने में इंस्पेक्टर थे। उन्होंने शनिवार को बताया कि 2000 में आगरा शाहगंज थाने के केदार नगर में भोले बाबा का निवास था। यहां पर 15 साल की लड़की की मौत हो गई थी तो उसके शव को परिवार के साथ श्मशान घाट ले जाया गया था। तेजवीर सिंह बताते हैं कि लड़की को जिंदा करने और उसके उठते ही दूध पीने की बात भोले बाबा ने लोगों से कही थी। जगदीशपुरा के श्मशान घाट पर करीब 200 से 300 समर्थकों के साथ टेंट लगाकर बैठे रहे। तीन घंटे तक आडंबर चलता रहा। जब समर्थकों को पुलिस ने पहुंचकर समझाया तो समर्थकों ने पुलिस पर ही पथराव कर दिया था।
पुलिस को तब लाठीचार्ज करना पड़ गया था और पुलिस ने जैसे तैसे शव को कब्जे में लिया था और इस मामले में पाखंड को लेकर भोले बाबा और उनके पांच छह समर्थकों को पाखंड समेत कई धाराओं में जेल भेजा गया था। हालांकि कोर्ट ने बाद में भोले बाबा और समर्थकों को बरी कर दिया था।
कोई शक्ति जैसी बात नहीं
तेजवीर सिंह कहते हैं कि भोले बाबा के अंदर कोई शक्ति जैसी चीज नहीं है। लोगों को समझना चाहिए। वहीं भीड़ के हाथरस में बेकाबू होने के मामले में तेजवीर ने कहा कि ये भोले बाबा की कमेटी के सेवादार पुलिस की मदद नहीं लेते। इनको अपनी व्यवस्था हाथरस में करनी चाहिए थी।