रिटायर इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट, एक घंटे रहे बंधक; डर के मारे कैमरे के सामने रख दिया था ATM कार्ड
जल निगम के रिटायर इंजीनियर को साइबर ठगों ने वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। एक घंटे तक उनको ऑनलाइन बंधक बनाए रखा। उनको ड्रग्स सप्लाई के आरोप में फंसाने के नाम पर धमकी दी और डिमांड सामने रख दी।
Digital Arrest: प्रयागराज के कटरा में अकेले रहने वाले जल निगम के एक रिटायर इंजीनियर को साइबर ठगों ने वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। एक घंटे तक उनको ऑनलाइन बंधक बनाए रखा। उनको ड्रग्स सप्लाई के आरोप में फंसाने के नाम पर धमकी दी और वसूली का खेल शुरू हो गया। बुजुर्ग ने डर कर कैमरे के सामने अपना एटीएम कार्ड भी रख दिया लेकिन तभी उनका एक साथी पहुंच गया। साइबर सेल की मदद से बुजुर्ग के रिटायरमेंट में मिले लाखों रुपये साइबर अपराधियों के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर होने से बच गए।
पुलिस ने बताया कि कटरा निवासी अबरार जल निगम में इंजीनियर थे और रिटायरमेंट के बाद अकेले रहते हैं। उनके पास +92 सीरीज के नंबर से कॉल आई। कॉलर ने कहा कि वह क्राइम ब्रांच से बोल रहे हैं। एयरपोर्ट पर ड्रग्स पकड़ा गया है। उनके नाम से आईडी मिली है। सिम कार्ड भी उनके नाम से जारी किया गया था। इस हाईप्रोफाइल मामले की अब स्पेशल ब्रांच जांच करेगी। इतना कहते ही उनको वीडियो कॉल करके डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
बुजुर्ग के सामने कैमरे पर पुलिसकर्मी नजर आए। पुलिस स्टेशन जैसा माहौल था और अफसर बैठकर उनको धमकी दे रहे हैं। यह भी ऑफर मिला कि सुविधा शुक्ल मिलने के बाद उनको रियायत मिल सकती है। उन्होंने अबरार से बैंक एटीएम कार्ड कैमरे के सामने रखने के लिए कहा। वह कार्ड लेकर पहुंच गए। उसी वक्त अबरार का साथी अचानक उनके घर पहुंचा तो दंग रह गया। एक घंटे से कमरे में कैमरे के सामने बंधक बने अबरार की बात सुनकर उनके साथी ने साइबर सेल को कॉल कर दिया।
साइबर सेल प्रभारी विनोद यादव, साइबर एक्सपर्ट जय प्रकाश और अनमोल आदि वहां पहुंचे गए और मामला संभाल लिया। सबसे पहले एटीएम कार्ड का डेटा लीक होने से बचा और कॉल डिस्कनेक्ट किया। इस तरह से बुजुर्ग के रिटायरमेंट के लाखों रुपये लुटने से बच गए।
बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 1.48 करोड़ वसूले थे
कुछ दिन पहले जार्जटाउन की एक महिला को साइबर ठगों ने वीडियो कॉल करके तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर घर में बंधक बनाये रखा था। साइबर ठगों ने अपने बैंक खाते में एक करोड़ 48 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया था। साइबर सेल ने केस दर्ज किया। मुख्य आरोपी अभी नेपाल में छिपा हुआ है।