Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Representatives of twelve states will participate in the program organized on natural farming in Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे 12 राज्यों के प्रतिनिधि

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती व कृषि विज्ञान पर कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इसमें 12 राज्यों के लगभग 500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। जहां प्राकृतिक खेती से जुड़े स्टॉल भी लगेंगे।

Ratan Gupta वार्ता, लखनऊTue, 9 July 2024 05:21 PM
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 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती व कृषि विज्ञान पर 19 जुलाई को आयोजित क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम में 12 राज्यों के लगभग 500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत होंगे। यूपी की मेजबानी में होने वाले इस कार्यक्रम में केंद्र, राज्य सरकारों व केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी, 15 कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति व डीन, 180 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों के साथ ही प्राकृतिक खेती करने वाले अग्रणी किसानों की भी सहभागिता रहेगी। यहां प्राकृतिक खेती के स्टॉल रहेंगे। वैज्ञानिक-कृषि संवाद भी होगी।

शाही ने बताया कि राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती कार्यशाला का आयोजन 20 जुलाई को अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव कुमारगंज, विश्वविद्यालय में होगा। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के 25 कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक, प्राकृतिक खेती के नोडल अधिकारी, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, डीन और लगभग 250 किसान रहेंगे।

उन्होने बताया कि योगी सरकार प्राकृतिक खेती पर बल दे रही है। सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी में प्राकृतिक खेती का लैब लगाने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही बांदा कृषि विश्वविद्यालय में भी प्राकृतिक खेती के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के लैब बनेंगे। यह प्राकृतिक खेती की टेस्टिंग करेंगे। दोनों लैब 25 करोड़ रुपये से तैयार होगी। एक से डेढ़ वर्ष के भीतर यहां टेस्टिंग शुरू हो जाएगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि अमृतकाल के भारत में स्वास्थ्य व आहार परंपरा के तहत भी 19-20 जुलाई को आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में कार्यक्रम होगा। इसमें श्रीअन्न के आहार से बेहतर स्वास्थ्य पर भी चर्चा होगी। यहां कर्नाटक के वैज्ञानिक पद्मश्री खादर वली के शोध पर चर्चा होगी। पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, कृषि वैज्ञानिक, श्रीअन्न की खेती करने वाले किसान, एफपीओ, प्रॉसेसर्स भी रहेंगे। इसी के तहत श्रीअन्न को लेकर 26 जुलाई को बांदा कृषि विश्वविद्यालय में भी कार्यशाला होगी।

उन्होने बताया कि योगी सरकार ने दलहन व तिलहन की खेती पर निरंतर विशेष पहल की है। 2016-17 में 12.40 लाख मीट्रिक टन तिलहन उत्पाद होता था। पिछले साल का उत्पादन 28.16 लाख मीट्रिक टन रहा। योगी सरकार आने के बाद यूपी में 15.75 लाख मीट्रिक टन उत्पादन बढ़ा है। दलहन का उत्पादन 23.94 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 32.53 मीट्रिक टन हो गया यानी विगत वर्षों की तुलना में दलहन का उत्पादन लगभग साढ़े आठ लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। देश के भीतर अभी भी 1 लाख30 हजार करोड़ रुपये का तिलहन और 25-30 हजार करोड़ दलहन का आयात होता है। योगी सरकार यूपी को दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ रोपाई व बोआई कार्यक्रम चल रहा है। इस साल 34.75 लाख हेक्टेयर में फसलें लगाई गई हैं। इस वर्ष 102 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है। इसके मुकाबले लगभग 35 फीसदी क्षेत्र आच्छादित हुआ है। गत वर्ष इस समय तक 29.63 फीसदी आच्छादन हुआ था। कार्ययोजना बनाकर समय से किसानों के लिए इसे शुरू भी कर दिया गया। किसान पाठशाला के माध्यम से जागरूक किया गया।

 

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