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कंबोडिया में बैठे-बैठे यूपी में वसूली, पता चल गया डिजिटल अरेस्‍ट के सरगना का ठिकाना 

Dijital Arrest: डिजिटल अरेस्ट कर रुपये वसूलने वाले गिरोह का सरगना कंबोडिया में बैठा है। गिरोह के सदस्य ऐसे साइबर अपराध से मिलने वाली रकम हवाला के जरिये कंबोडिया में अपने सरगना तक पहुंचा रहे हैं।

Ajay Singh विशाल शुक्ल, लखनऊMon, 5 Aug 2024 07:49 AM
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Dijital Arrest: देश और प्रदेश स्तर पर चर्चित मनी लांड्रिंग केस में शामिल होने का आरोप मढ़ कर पहले डराने, फिर डिजिटल अरेस्ट कर रुपये वसूलने वाले गिरोह का सरगना कंबोडिया में बैठा है। गिरोह के सदस्य ऐसे साइबर अपराध से मिलने वाली रकम हवाला के जरिये कंबोडिया में अपने सरगना तक पहुंचा रहे हैं। साइबर अपराध के लिये भारतीय युवाओं को नौकरी दिलाने के बहाने भी कंबोडिया और म्यांमार ले जाया जाता है। डिजिटल अरेस्ट से जुड़े अपराधों की जांच में यह बात सामने आई है।

ट्रांजेक्शन पूरा होने पर पांच प्रतिशत कमीशन 
झारखंड के जामताड़ा, राजस्थान के भरतपुर और हरियाणा के मेवात में सक्रिय साइबर ठग अब विदेशी साइबर ठगों के सम्पर्क में आ चुके हैं। विशेष तौर पर डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं को कंबोडिया में बैठे सरगना के इशारों पर अंजाम दिया जा रहा है। डार्क वेब से मिले डाला की मदद से रेण्डम नम्बरों पर कॉल की जाती है। जिसके बाद मनी लांड्रिंग या देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप मढ़ते हुए लोगों पर ठग दबाव बनाते हैं। भरोसा हासिल करने के लिए फर्जी अरेस्ट वारंट की फोटो व्हाट्सएप से भेजते हैं। जिसके बाद चिह्नित व्यक्ति से रुपये वसूलते हैं। साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि हड़पे कई खातों में ट्रांसफर किया जाता है। कॉल कर रुपये वसूलने वाले को 5 प्रतिशत कमीशन मिलता है।

म्यांमार में बंधक बना साइबर फ्राड 
साइबर धोखाधड़ी के लिए भारत से युवाओं को नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया और म्यांमार ले जाया जाता है। ऐसा ही मामला अप्रैल में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के सामने भी आया था। जिसमें गुड़ंबा निवास जोगिंदर को म्यांमार में बंधक बना कर साइबर फ्राड के लिए विवश किया गया था।

हवाला के साथ क्रिप्टो करेंसी में डील 
कमीशन पर काम करने वालों को हवाला के जरिए रुपये दिए जाते हैं। वहीं, कंबोडिया में बैठे ठग क्रिप्टो करेंसी में हड़पी गई रकम को कंवर्ट कर लेते हैं। जिससे मन ट्रेलर को तलाशना आसान काम नहीं होता। पर, समय पर शिकायत मिलने पर मनी ट्रेलर को ट्रेस कर अपराधियों को गिरफ्तार किया जाता है।

डिजिटल अरेस्टिंग के लिए लगाते ये आरोप
-मनी लांड्रिंग में शामिल होने का झांसा
- आधार का दुरुपयोग कर बैंक खाते खोलने का आरोप
- चर्चित मुकदमे में नाम आने का झांसा देकर
- व्हाट्सऐप पर गिरफ्तारी वारंट भेजना
- जांच में सहयोग न करने पर गिरफ्तारी के लिए टीम भेजने का दबाव डाल कर

मुसीबत में फंसने पर यहां मिलेगी मदद

- डायल 112
- 1930 पोर्टल
- cybercrime.gov.in

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