सीएम योगी से मुलाकात के बाद घर में घिरे रामगोपाल, अब बहू अपर्णा यादव ने साधा निशाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात पर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। रामगोपाल यादव की अपने ही घर में घेरेबंदी हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात पर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। रामगोपाल यादव की अपने ही घर में घेरेबंदी हो गई है। पहले भाई शिवपाल सिंह यादव ने हमला किया तो अब बहू अपर्णा यादव ने निशाना साधा है। रामगोपाल की सीएम योगी से मांग को लेकर अपर्णा ने कहा कि यूपी में कानून का राज है और न्याय व्यवस्था सभी के लिए बराबर है।
अपर्णा ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के कारण ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा के नाम से जाना जाने लगा है। उनके बुलडोजर मॉडल की तारीफ देश-दुनिया में हो रही है। मुख्यमंत्री से कोई भी मुलाकात कर सकता है। वह प्रदेश के मुखिया हैं।
रामगोपाल यादव के पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें केवल दो लोगों का नाम शामिल किया गया। सपा की ओर से जिस प्रकार से सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई का आरोप लगाया जा रहा था, उनके मौलिक अधिकारों के हनन बात हो रही है। यह सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में एक अलग माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। उसका सच अब सामने आ गया है।
रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एटा के अलीगंज से पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके परिवार के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई का मामला उठाया था। उनकी मुलाकात के बाद सबसे पहले प्रसपा मुखिया शिवपाल ने यह मामला उठाया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को रामगोपाल द्वारा दिए गए पत्र को ट्वीट करते हुए सपा की न्याय की लड़ाई पर करारा तंज कसते हुए लिखा- मोहम्मद आजम खां, नाहिद हसन, शहजील इस्लाम… और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए क्यों नहीं? उन्होंने रामगोपाल पर निशाना साध सपा की नीतियों पर सबसे पहले सवाल खड़ा किया। अब अपर्णा के आने के बाद यह मामला और गरमा गया है।
वहीं, मंगलवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी इस पर तंज कसते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी हमेशा अपराधियों की पैरवी करती रही है। सरकार किसी भी अपराधी, बदमाश के खिलाफ नरमी नहीं बरतने वाली है। जो अपराध करेगा उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी और उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलेगा।
दरअसल, रामगोपाल यादव रामेश्वर सिंह यादव और उनके परिवार पर की जा रही कार्रवाई रोकने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के पास गए थे और समाजवादी पार्टी ने उनकी मुलाकात को समाजवादी पार्टी और मुस्लिमों पर अत्याचार का विरोध बताया था।