Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Rajdhani Sylheta dam cut in Gorakhpur a dozen villages in Chaurichaura submerged in flood water

गोरखपुर में राजधानी-सिलहटा बांध कटा, चौरीचौरा क्षेत्र के दर्जन भर गांव डूबे

तबाही मचा रही नदियां गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक हुई तेज बारिश से और विकराल हो गई हैं। गोर्रा नदी के किनारे स्थित राजधानी-सिलहटा बांध कट जाने से दर्जन भर से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं।...

Yogesh Yadav गोरखपुर बस्ती। हिटी, Fri, 3 Sep 2021 05:09 PM
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तबाही मचा रही नदियां गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक हुई तेज बारिश से और विकराल हो गई हैं। गोर्रा नदी के किनारे स्थित राजधानी-सिलहटा बांध कट जाने से दर्जन भर से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। राप्ती-रोहिन, सरयू और आमी नदी में उफान की वजह से गोरखपुर-वाराणसी तथा बांसगांव-खजनी मार्ग पर आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है। वहीं गोरखपुर में चौरीचौरा-फरेन लाने का आमघाट बांध टूटने से भी कई गांव जलमग्न हो गए हैं। अन्य लगभग सभी बंधों पर दबाव बढ़ गया है। बंधों में लगातार रिसाव से ग्रामीणों की सांसें अटकी हुई हैं। राप्ती 1998 के उच्चतम जलस्तर से महज 22 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। सिद्धार्थनगर में यह रिकॉर्ड टूट चुका है। गोरखपुर-बस्ती मंडल के बाकी जिलों में नदियां या तो खतरे के निशान से ऊपर हैं या जलस्तर स्थिर है। 

गोरखपुर में राप्ती-रोहिन, गोर्रा और सरयू खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ की विभीषिका से जिले के तकरीबन पौने 300 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। लोग घर-बार छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं। पशुओं को लेकर लोगों ने बंधों और सड़कों के किनारे डेरा डाल दिए हैं। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक हुई बारिश ने दुश्वारियां और बढ़ा दीं। आमी भी जमकर तबाही मचा रही है। नकबैठा पुल के समीप पानी चढ़ जाने और स्थिति भयावह बन जाने के कारण गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर आवागमन ठप कर दिया गया है। बांसगांव-खजनी मार्ग पर भी यातयात रोक दिया गया है। गोरखपुर से वाराणसी की तरफ जाने वाले छोटे-बड़े सभी वाहन खजनी, सिकरीगंज-गोल होकर आ-जा रहे हैं। 

नदियों में बाढ़ की वजह से तकरीबन सभी बंधों पर दबाव बढ़ गया है। चौरीचौरा-फरेन नाले का आमघाट बांध टूट गया है। शहर के सुरक्षा कवच मलौनी बांध में रिसाव हो रहा है। कोठा-रकहट बांध में कई स्थानों पर रिसाव हो रहा है। बरही पाथ बांध में हो रहे रिसाव से ग्रामीण बुरी तरह डर गए हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर ग्रामीण रिसाव रोकने में जुटे हैं। गांवों में 340 से अधिक नावें लगाई गई हैं। बलरामपुर में राप्ती के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है, जिसका असर यहां शनिवार तक दिख सकता है। 

सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी का जलस्तर 23 साल के उच्चतम रिकार्ड को पीछे छोड़ते हुए 85.950 आरएल मीटर पर पहुंच गया है। देवरिया के रुद्रपुर क्षेत्र में राप्ती और गोर्रा के तटबंधों पर दो दर्जन स्थानों पर रिसाव हो रहा है। संतकबीरनगर में सरयू व राप्ती का जलस्तर स्थिर है। बस्ती जिले के दुबौलिया और विक्रमजोत ब्लॉक क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। 

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