रात भर बारात का इंतजार करती रही दुल्हन, आठ घंटे बाद बारातियों संग भूखा पहुंचा दूल्हा, क्या था मामला?
महाशिवरात्रि पर शादी करना एक दूल्हे को महंगा पड़ा गया। दूल्हे को बारात ले जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उधर दुल्हन पक्ष भी बारात का बेसब्री से इंतजार करता रहा, लेकिन बारात नहीं पहुंची।
महाशिवरात्रि पर शादी करना एक दूल्हे को महंगा पड़ा गया। दूल्हे को बारात ले जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उधर दुल्हन पक्ष भी बारात का बेसब्री से इंतजार करता रहा, लेकिन बारात नहीं पहुंची। बारात के इंतजार में लड़की पक्ष बार-बार फोन करता रहा। बारात कहां पहुंची इसके बारे में जानकारी लेता रहा।
वहीं समय से बारात न पहुंच पाने के कारण सभी बाराती और दूल्हा भूख से बिलबिला उठे। 80 किलोमीटर के सफर में बारातियों को पहुंचने में आठ घंटे का समय लग गया। आधी रात को पहुंची बारात को देखकर लड़की पक्ष ने राहत की सांस ली। दरअसल कांवड़ यात्रा के चलते सड़क पर जगह-जगह जाम के हालात बने थे। शाम छह बजे तक पहुंचने वाली बारात रात एक बजे दुल्हन के द्वार पहुंची। इसके बाद शादी की सभी रश्में निभाई गईं।
जुनावई थाना क्षेत्र के रिवाड़ा गांव निवासी बांकेलाल शर्मा की बेटी भावना की गुरुवार को शादी थी। अलीगढ़ के देवी नगला से शाम छह बजे तक बारात आनी थी। परंतु अलीगढ़ से चलने के उपरांत जगह-जगह कांवड़ियों को लेकर रोड जाम होने के कारण बारात बुलंदशहर के नरौरा तक पहुंचने में करीब 5 घंटे लग गए। इसके बाद नरौरा पुलिस ने भी कांवड़ियों की सुरक्षा की बात कहते हुए बारात को आगे जाने से रोक दिया।
करीब तीन घंटे तक बारात बुलन्दशहर और संभल जनपद की सीमा पर फंसी रही। ऐसे में बारात का इंतजार कर रहे दुल्हन पक्ष के लोग बार-बार फोन कर बारात निकलने की जानकारी लेते रहे। करीब रात एक बजे बारात गांव पहुंची। यहां बारात चढ़त के बाद करीब रात तीन बजे बारात दुल्हन के द्वार पहुंची। इसके बाद आगे की रश्में निभाई गईं। बारात लेट पहुंचे की वजह से बाराती भूख से बेहाल हो गए।