Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Questions raised on teacher recruitment in KGMU committee constituted to investigate

केजीएमयू में शिक्षक भर्ती पर उठे सवाल, जांच के लिए कमेटी गठित

केजीएमयू में एक बार फिर शिक्षकों की भर्ती पर सवाल खड़े हुए हैं। इस बार मामला प्लास्टिक सर्जरी और रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग से जुड़ा है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने...

Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, लखनऊWed, 10 March 2021 11:03 AM
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केजीएमयू में एक बार फिर शिक्षकों की भर्ती पर सवाल खड़े हुए हैं। इस बार मामला प्लास्टिक सर्जरी और रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग से जुड़ा है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत के बाद केजीएमयू प्रशासन ने कमेटी गठित कर जांच शुरू कर दी है।

केजीएमयू में करीब 450 शिक्षक तैनात हैं। 43 विभागों में करीब 230 पद खाली चल रहे हैं। विभागवार साक्षात्कार चल रहे हैं। परिणाम भी घोषित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही भर्ती में गड़बड़ियों की शिकायतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

 मेरठ के सर्वेंद्र चौहान ने पहली मार्च को प्लास्टिक सर्जरी और रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में भर्ती प्रक्रिया और चयन को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की। आठ मार्च को चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने केजीएमयू के कुलसचिव से मामले पर रिपोर्ट तलब की है। केजीएमयू प्रशासन ने चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। शिक्षकों की भर्ती की शिकायत के बाद केजीएमयू में हड़कंप मच गया है।

शिकायत के मुताबिक प्लास्टिक सर्जरी विभाग में सामान्य श्रेणी में असिस्टेंट प्रोफेसर के दो पदों पर विज्ञापन जारी किया गया। इनमें छह अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। ऋषिकेश एम्स में तैनात एक शिक्षक व केजीएमयू प्लास्टिक सर्जरी विभाग से एमसीएच कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिली। नेपाल से एमबीबीएस और केरल के प्राइवेट कॉलेज से डीएनबी कोर्स करने वाले का शिक्षक पद पर चयन कर लिया गया है। आरोपियों में केजीएमयू के एक बड़े अधिकारी का बेटा भी शामिल है। आरोप हैं कि रेस्परेटरी मेडिसिन में गलत अनुभव प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी देने की तैयारी की जा रही है।
 
केजीएमयू में नेशनल मेडिकल कमीशन की योग्यता के हिसाब से नियुक्त की जा रही है। स्क्रीनिंग कमेटी शैक्षिक दस्तावेजों की जांच करती है। फिर चयन समिति साक्षात्कार के बाद योग्य उम्मीदवार का चयन करती है। शिक्षकों की भर्ती नियमानुसार हुई है।
डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

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