अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में रच गया इतिहास, नईमा खातून बनीं एएमयू की पहली महिला वाइस चांसलर
एएमयू में मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर नईमा खातून को सोमवार को कुलपति नियुक्त किया गया। यह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार है जब किसी महिला को कुलपति बनाया गया है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष नईमा खातून सोमवार को कुलपति नियुक्त किया गया। पांच महीने पहले अंतिम तीन नामों के प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। जिसके बाद अब प्रोफेसर नईमा खातून के नाम पर मुहर लगी है। वह अगले पांच साल तक एएमयू की कुलपति रहेंगी। प्रो नईमा खातून एएमयू के गर्ल्स कॉलेज की प्रधानाचार्या थीं। एएमयू में यह पहला मौका है, जब कुलपति के पद पर किसी महिला को जिम्मेदारी मिली है।
एएमयू के कुलपति पद के लिए कार्यकारणी परिषद की 30 अक्टूबर 2023 को बैठक हुई थी। जिसमें पांच नाम चुने गए थे। वहीं, छह नवंबर को एएमयू कोर्ट की बैठक में प्रो नईमा खातून, प्रो फैजान मुस्तफा और प्रो एमयू रब्बानी के नाम पर सहमति बनी थी और यह प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। पांच महीने के इंतजार के बाद अब आखिरकार एएमयू को अपना नया कुलपति मिल गया। एएमयू के कुलसचिव मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने भी नईमा खातून के नाम की पुष्टि कर दी।
103 साल के इतिहास में पहली बार महिला बनीं कुलपति
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का स्थापना साल 1920 में हुई थी। तब यूनिवर्सिटी की चांसलर महिला बेगम सुल्तान जहां बनीं, वहीं, पहले कुलपति महमूदाबाद के राजा मोहम्मद अली मोहम्मद खान बने थे। कुलपति पैनल में कभी किसी महिला का नाम शामिल नहीं हो सका था। पहली बार पैनल के पांच नामों में महिला उम्मीदवार का नाम शामिल किया गया। पूर्व कुलपति महमूदुर्रहमान ने अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार महिला प्रो. शाद बानो को प्रॉक्टर बनाया था। वहीं, सितंबर 2022 में एएमयू टीचर्स एसोसिएशन (अमुटा) में पहली बार इतिहास विभाग की प्रो चांदनी बी निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गई थी। हालांकि एएमयू इंतजामिया ने चुनाव रद्द कर दिया था।
देश के कई विश्वविद्यालयों की महिला हैं कुलपति
एएमयू के इतिहास में भले ही पहली बार कोई महिला कुलपति बनी हो लेकिन देश के कई बड़े विश्वविद्यालय की कुलपति महिला ही हैं। इनमें जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज, डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा और कश्मीर विश्वविद्यालय शामिल है।
अभी पदभार में आ सकती है रूकावट
एएमयू के कुलपति के पद को लेकर विवाद हाईकोर्ट में चल रहा है। दरअसल एएमयू ने जिन तीन नामों का प्रस्ताव बनाकर राष्ट्रपति के पास भेजा था। उसे लेकर याचिकाकर्ता ने नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर 29 अप्रैल को सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण नईमा खातून के पदभार ग्रहण में रूकावट आ सकती है।