उमेश पाल की हत्या के बाद रात भर प्रयागराज में ही रुके थे शूटर, पनाह देने वालों को भी पकड़ न पाई पुलिस
Prayagraj Shootout: उमेश पाल की हत्याकांड को एक पखवाड़ा हो गया लेकिन पुलिस शूटर तो दूर, उन्हें शरण देने वालों को भी नहीं पकड़ सकी है। अभी भी ढाई-ढाई लाख रुपये के इनामी पांचों शूटर गिरफ्त से बाहर हैं।
Umesh Par Murder Case: उमेश पाल की हत्या के बाद क्रेटा कार और बाइक से भागे शूटरों ने प्रयागराज में ही पनाह ली थी। रातभर छिपने के बाद तड़के भागे थे। इस वारदात को हुए लगभग एक पखवाड़ा हो गया लेकिन पुलिस शूटर तो दूर, उन्हें शरण देने वालों को भी नहीं पकड़ सकी है। अभी भी ढाई-ढाई लाख रुपये के इनामी पांचों शूटर गिरफ्त से बाहर हैं।
24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के लिए क्रेटा कार से अतीक का बेटा असद अपने साथियों संग गया था। बाकी शूटर बाइक से पहुंचे थे। वारदात को अंजाम देने के बाद शूटर अपनी बाइक छोड़कर असद के साथ कार से फरार हो गए थे। पुलिस की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि कार सीधे अतीक के घर के पास चकिया पहुंची थी। तीन शूटरों ने वहां पर नूर और मुन्ना के घर में शरण ली। अगले दिन सुबह बाइक से तीनों शूटर भाग निकले थे। इसी तरह कार चालक सुबह बांदा भागा था। बाद में उसकी लोकेशन नेहरू पार्क के पास मिली, जहां वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
वहीं पुलिस मुठभेड़ में मारा गया शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान भी घटना के बाद अपने घर कौंधियारा पहुंच गया था। वहां से वह मध्य प्रदेश चला गया था। वहां से लौटने पर वह मुठभेड़ में मारा गया था। पुलिस को यह भी पता चला कि बमबाज गुड्डू मुस्लिम गोविंदपुर स्थित जीशान मार्केट के पास छिपा रहा। वहीं पर किसी ने उसे अपने घर में शरण दी थी। अतीक का बेटा भी रात में कहीं छिपा लेकिन उसके मददगार का पुलिस पता नहीं लगा सकी है। पुलिस ने इन शूटरों को शरण देने वाले की पहचान तो की लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।