प्रयागराज में अपात्रों ने हजम किए किसान निधि के 22 करोड़, सरकारी कर्मियों से लेकर पेंशनर तक शामिल
जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अपात्र जमकर उठा रहे हैं। सरकारी मुलाजिम, पति-पत्नी, पेंशनर, बड़े काश्तकारों ने अब तक लगभग 22 करोड़ रुपये का चूना सरकारी खजाने को लगाया है।
प्रयागराज। जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अपात्र जमकर उठा रहे हैं। सरकारी मुलाजिम, पति-पत्नी, पेंशनर, बड़े काश्तकारों ने अब तक लगभग 22 करोड़ रुपये का चूना सरकारी खजाने को लगाया है। सच्चाई का पता तो तब चला जब इनके भूलेखों का सत्यापन शुरू हुआ। सरकार की महत्वकांक्षी योजना में इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी देख अफसरों ने भी सिर पकड़ लिया है। यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा क्योंकि अब तक आधे लाभार्थियों का ही भूलेख सत्यापन हुआ है।
सरकार ने गरीब किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि देने का निर्णय लिया था। लेकिन सरकारी योजना का गलत तरीके से लाभ लेने वाले लोगों की कमी नहीं है। जिले में गलत दस्तावेज लगाकर लगभग 10 हजार अपात्र किसान सम्मान निधि का पैसा खा रहे हैं और पात्र आज भी परेशान हैं। जिले में छह लाख 45 हजार दस्तावेजों के आधार पर योजना के पात्र हो गए। योजना के तहत दो-दो हजार रुपये की तीन किस्त एक साल में दी जाती है। अब तक कुल 11 किस्त का भुगतान हो चुका है। यानी प्रत्येक व्यक्ति को 22 हजार रुपये दिए जा चुके हैं।
पिछले दिनों शासन ने योजना में शामिल सभी लोगों के भूलेख सत्यापन का निर्देश दिया। लगभग तीन लाख किसानों का सत्यापन हो चुका है। इनमें 52 हजार की सूचना अपलोड की जा चुकी है। सत्यापन में अब तक 10 हजार लोग ऐसे सामने आए जो कि किसी न किसी रूप में अपात्र हैं। इनमें या तो पति-पत्नी दोनों योजना के तहत लाभ ले रहे हैं, या फिर पेंशनभोगी, सरकारी नौकर और बड़े काश्तकार हैं।
आंकड़ा
- 6.45 लाख लोग जिले में योजना का ले रहे लाभ
- 03 लाख लोगों का ही अभी हुआ भूलेख सत्यापन
- 3.45 लाख लाभार्थियों का अभी सत्यापन है बाकी
- 11 किस्त अब तक योजना के तहत दी गई
अभी जारी है काम
यह संख्या यहां रुकने वाली नहीं है। यह आगे भी बढ़ेगी क्योंकि अभी 6.45 लाख लोगों में से तीन लाख 45 हजार किसानों का सत्यापन बाकी है। सीधी सी बात है कि इन लोगों में भी बड़ी संख्या में अपात्र पाए जाएंगे।
ऐसे गई है राशि
योजना के तहत सरकार साल में छह हजार रुपये प्रत्येक किसान को देती है। अब तक 11 किस्त जारी हो चुकी है। इसका मतलब है कि 10 हजार अपात्रों ने 22 हजार रुपये के हिसाब से 22 करोड़ रुपये हजम किए हैं।
उप निदेशक कृषि, वीके शर्मा ने कहा कि जांच में तमाम अपात्र ऐसे मिले जो योजना के लाभ ले रहे हैं। इसमें तमाम प्रकार के लोग हैं। पेंशन भोगी, बड़े काश्तकार, सरकारी कर्मी, पति-पत्नी दोनों योजना का लाभ ले रहे हैं।