सामने आएगा अरबाज और विजय चौधरी के एनकाउंटर का सच? मजिस्ट्रीयल जांच शुरू
उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज में हुए दो अलग-अलग एनकाउंटरों में क्रमश: अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान के मारे जाने का पूरा सच अब सामने आएगा। दोनों मामलों में मजिस्ट्रीयल जांच शुरू हो गई है।
Prayagraj Encounter: उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज में हुए दो अलग-अलग एनकाउंटरों में क्रमश: अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान के मारे जाने का पूरा सच अब सामने आएगा। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए इन दोनों आरोपितों की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू हो गई है। एडीएम प्रशासन को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने दोनों ही मामलों में गवाहों को 31 मार्च तक अपने कार्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है।
पुलिस के मुताबिक, उमेश पाल हत्याकांड के बाद चिह्नित आरोपितों में सल्लाहपुर निवासी मो. अरबाज की लोकेशन नेहरू पार्क के पास मिली थी। पुलिस बल उसे पकड़ने गया तो अरबाज ने फायरिंग कर दी थी। जवाबी फायरिंग में अरबाज को गोली लगी थी। 27 फरवरी को हुए इस घटनाक्रम में एसआरएन अस्पताल ले जाते समय अरबाज की मौत हो गई थी।
वहीं कौंधियारा निवासी विजय कुमार चौधरी उर्फ उस्मान भी पुलिस मुठभेड़ में छह मार्च को घायल हो गया था। एसआरएन में उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी। पुलिस उस्मान को शूटर बता रही है। दोनों ही मामलों में एडीएम प्रशासन हर्ष देव पांडेय को जांच अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकरण में कोई बयान या फिर कोई गोपनीय साक्ष्य 31 मार्च तक दे सकता है।
कवि पर इनाम बढ़ाने का प्रस्ताव
राजू पाल हत्याकांड में फरार चल रहे अब्दुल कवि पर इनाम बढ़ाने की तैयारी है। अब उस पर एक लाख रुपये का इनाम हो जाएगा। 50 हजार के इनामी अब्दुल कवि पर इनाम की राशि बढ़ाने के लिए एडीजी को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अब्दुल कवि की गिरफ्तारी बीते 18 साल से पुलिस और सीबीआई के लिए चुनौती बनी है।
अब्दुल कवि की तलाश इसलिए भी तेज हो गई है क्योंकि उसकी संलिप्तता उमेश पाल हत्याकांड में भी सामने आई है। चायल विधायक पूजा पाल ने अब्दुल से अपनी जान को खतरा बताया है। 18 साल से फरार अब्दुल के बारे में पुलिस और सीबीआई को जानकारी नहीं थी।