Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Policy will be made for tourism land lease in UP know all details

यूपी में पर्यटन भूमि लीज के लिए बनेगी नीति, इन जिलों में निरीक्षण भवन पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी

यूपी सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन भूमि लीज नीति बनाएगी। सोमवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। वहीं सरकारी भूमि बैंक के भू-भाग को बाधामुक्त पट्टे की सुविधा के लिए उक्त नीति बनेगी।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, लखनऊMon, 5 Feb 2024 07:56 PM
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उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन भूमि लीज नीति बनाएगी। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस बाबत लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस प्रस्ताव के अनुसार पर्यटन क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित सरकारी भूमि बैंक के भू-भाग को बाधामुक्त पट्टे की सुविधा के लिए उक्त नीति बनेगी। प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम के अनुसार नीति के तहत भूमि को शासन की अन्य आवंटन नीतियों के अनुसार 30-30 साल के लिए तीन चरणों में अधिकतम 90 साल की अवधि के लिए पट्टे के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। प्रस्तावित नीति के जरिये उन आशान्वित भावी रुचिमान निवेशकों को भूमि के सरल तरीके से आवंटन की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिन निवेशकों के पास पूंजी निवेश के लिए परिपक्व प्रस्ताव तैयार हैं। 

एक अन्य प्रस्ताव के तहत सिंचाई व जल संसाधन विभाग के निष्प्रयोज्य डाक बंगले व निरीक्षण भवन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने का फैसला लिया गया है। पहले चरण में विभाग के चार निष्प्रयोज्य निरीक्षण भवन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होंगे। इनमें-सोनभद्र स्थित विसुंदरी निरीक्षण भवन, कर्मा निरीक्षण भवन, निशोगी निरीक्षण भवन और लखीमपुर खीरी के ग्राम पन्योरा स्थित ओयल नहर कोठी को पर्यटन प्रयोग के लिए पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर निजी उद्यमियों के माध्यम से संचालित करवाया जाएगा।

नए शहरी क्षेत्रों में विद्युतीकरण के लिए 498 करोड़

राज्य सरकार ने नए शहरों में विद्युतीकरण के लिए उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन को दूसरी किस्त का 498 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अंतर्गत 346 निकायों में 179 ऐसे हैं जो नए, विस्तार और उच्चीकृत की श्रेणी के नहीं हैं, लेकिन अब इनको भी शामिल करते हुए दूसरी किस्त का पैसा देने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना में नए, विस्तारीकृत, उच्चीकृत निकायों के साथ प्रदेश के इन सभी निकायों में जरूरत के अनुसार बिजली व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। इसके आधार पर इस योजना से यह पैसा दिया गया है।

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