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पीजीआई ने पूर्व सांसद के बेटे के इलाज में लापरवाही मानी, इमरजेंसी की व्‍यवस्‍था बदली

पीजीआई डायरेक्‍टर ने लापरवाही बरतने वाले संस्‍थान के दो कर्मचारियों को इमरजेंसी से हटाकर दूसरी जगह तैनात कर दिया। उधर, इमरजेंसी में अब स्‍ट्रेचर पर भी मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है।

Ajay Singh कार्यालय संवाददाता, लखनऊWed, 1 Nov 2023 05:50 AM
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SGPGI Lucknow: पीजीआई में तीन दिन पहले पूर्व सांसद के बेटे प्रकाश मिश्र के इलाज में लापरवाही बरती गई थी। इसकी पुष्टि जांच कर रही तीन सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट में की है। पीजीआई निदेशक डॉ.आरके धीमन ने मंगलवार को लापरवाही बरतने वाले संस्‍थान के दो कर्मचारियों को इमरजेंसी से हटाकर दूसरी जगह तैनात कर दिया। उधर, इमरजेंसी में अब स्‍ट्रेचर पर भी मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। 

मंगलवार को वहां का पूरा नजारा बदला हुआ नज़र आया। इमरजेंसी हाल में कोई मरीज, तीमारदार फर्श पर बैठा और लेटा नहीं दिखा। इमरजेंसी के बाहर जैसे ही कोई मरीज आता, तुरंत कर्मचारी एम्बुलेंस, निजी वाहन के पास स्ट्रेचर और व्हील चेयर लेकर पहुंच जाते। मरीज को सीधे इमरजेंसी वार्ड ले जाकर बेड खाली नहीं मिलने पर स्ट्रेचर पर ही फौरन इलाज शुरू करा देते। इसके लिए यहां छह से अधिक कर्मचारी और करीब दर्जन भर स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई है।

बांदा के पूर्व भाजपा सांसद भैरो प्रसाद मिश्र के बेटे प्रकाश मिश्र की शनिवार रात पीजीआई की इमरजेंसी में भर्ती नहीं किए जाने से मौत हो गई थी। इसके बाद हिन्दुस्तान ने पीजीआई में मरीजों कर दुर्दशा उजागर की तो शासन और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पीजीआई निदेशक से लापरवाही पर तीखी नाराजगी जताई। इसके बाद गंभीर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया और किसी को भी लौटाया नहीं गया।

सहूलियत इमरजेंसी से वार्ड-आईसीयू भेजे मरीज
इमरजेंसी में भर्ती कई मरीजों को उनकी बीमारी से संबंधित विभाग के वार्डों में भेजा गया। ऑक्सीजन सपोर्ट वाले कुछ मरीज आईसीयू में शिफ्ट किए। इसके लिए दो एम्बुलेंस भी थीं।

आउटसोर्स कर्मचारी से कराई मदद
गंभीर मरीजों की मदद के लिए लगे आधा दर्जन आउट सोर्सिंग कर्मचारी आते ही मरीज के पास पहुंचते। उपचार से जुड़े दस्तावेज और मरीज को डॉक्टर के पास ले जाते।

लौटा रहे मरीज को बेड खाली होते ही बुलाएं
पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन ने डॉक्टरों को निर्देश दिए हैं कि हर मरीज को उपचार मुहैया कराएं। मरीज को लौटा भी रहे हैं कि उसका मोबाइल नम्बर लेकर वेंटिंग दें।

सुरक्षाकर्मियों ने मीडियाकर्मियों को रोका
इमरजेंसी में सुबह छावनी की तरह सुरक्षाकर्मी तैनात थे। ये पड़ताल के बाद ही इमरजेंसी में किसी को प्रवेश दे रहे थे। खासकर मीडिया कर्मियों को भीतर जाने से रोक रहे थे।

जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
कमेटी ने सोमवार देर शाम पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन को रिपोर्ट सौंप दी। निदेशक ने पूर्व सांसद के बेटे को इलाज मुहैया कराने में लापरवाही की बात मानी है, लेकिन उन्होंने जांच रिपोर्ट को गोपनीय बताते हुए खुलासा करने से इनकार किया है।

मंगलवार को निदेशक ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले संस्थान के दो कर्मचारियों को इमरजेंसी से हटाकर दूसरी जगह तैनात किया है। डॉ. धीमन ने रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत शासन को सौंप दी है।

डिप्टी सीएम के निर्देश पर घटना वाली रात इमरजेंसी में तैनात ईएमओ डॉ. चन्द्रशेखर बाजपेई को कार्य मुक्त कर दिया गया है। डॉ. बाजपेई स्वास्थ्य विभाग से तैनात थे, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग ही करेगा। संस्थान इस मामले में अपने कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

क्‍या बोले निदेशक
पीजीआई के निदेशक डॉ.आरके धीमन ने कहा कि इमरजेंसी में बेड खाली न होने पर स्ट्रेचर पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। कर्मचारी मरीज को इमरजेंसी के वार्ड तक व्हील चेयर और स्ट्रेचर ले जा रहे हैं। 

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