राहत: गोरखपुर एम्स में जनवरी से शुरू होगी मरीजों की भर्ती, ट्रूनेट से होगी कोरोना जांच
नए साल में एम्स पूर्वांचलवासियों को बड़ी सौगात देने जा रहा है। एम्स में मरीजों की भर्ती जनवरी से शुरू हो जाएगी। इसके लिए 300 बेड के हॉस्पिटल भवन को जनवरी के पहले पखवाड़े में कार्यदाई संस्था एम्स के...
नए साल में एम्स पूर्वांचलवासियों को बड़ी सौगात देने जा रहा है। एम्स में मरीजों की भर्ती जनवरी से शुरू हो जाएगी। इसके लिए 300 बेड के हॉस्पिटल भवन को जनवरी के पहले पखवाड़े में कार्यदाई संस्था एम्स के सुपुर्द कर देगी।
यह जानकारी पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एवं राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला ने दी। उन्होंने शुक्रवार को एम्स का निरीक्षण किया। उन्होंने ओपीडी मे मरीजों के इलाज के इंतजाम को देखा। इसके बाद वह प्रशासनिक भवन गए। जहां उन्होंने एम्स प्रशासन के साथ ही कार्यदाई संस्था हाईट्स व एलएनटी के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में वह एम्स प्रशासन के रिपोर्ट से संतुष्ट नजर आए। राज्यसभा सांसद ने बताया कि एम्स को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा हुई है। उन्होंने एम्स के निर्माण प्रगति पर नजर रखने को कहा है। एम्स में इस बार एमबीबीएस की परीक्षा समय से कराई गई। कोरोना संक्रमण का कोई खास असर एम्स की कार्यप्रणाली पर नहीं दिखा है। यह एम्स के बेहतर प्रशासन का नजीर है।
डीएमएस डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि एम्स में शीघ्र ही ट्रूनेट मशीन उपलब्ध हो जाएगी। इसके बाद संस्थान में ही कोरोना टेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी। ओपीडी में सीटी-एमआरआई मशीन लगाई जा चुकी है। शीघ्र ही सेवा शुरू की जाएगी। यह सेवा बाजार से 75 फीसदी सस्ती होगी।
एमबीबीएस में 125 छात्र लेंगे प्रवेश
बालरोग की विभागाध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल ने बताया कि एमबीबीएस के प्रथम बैच की शुरुआत 50 बच्चों से की गई थी। जबकि दूसरा बैच 125 बच्चों का होगा। अबतक 70 बच्चों की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है। भविष्य में सुपरस्पेशलिस्ट विभाग की शुरुआत की जायेगी। इसके साथ ही बीएससी नर्सिंग, पीएचडी, एमएससी के कोर्स शुरू किए जाएंगे।
148 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं प्रकाशित
सोशल एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रो. हरिशंकर जोशी ने बताया कि अब तक संस्था के शिक्षकों के 148 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं। एम्स को करोना वैक्सीन टेस्टिंग की अनुमति भी हासिल हुई है। संस्थान के दो बच्चों को एसटीएस की ओर से शोध प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ है। एम्स की तरफ से इन्टाम्यूनल शोध प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। डॉ. जोशी ने बताया कि एम्स की इथिकल कमेटी का पंजीकरण कराया गया है। निरीक्षण के दौरान कार्यकारी निदेशिका डॉ. सुरेखा किशोर, डिप्टी डायरेक्टर अश्वनी माहोर, रजिस्ट्रार केपी सिंह, डॉ. अजय भारती मौजूद रहे।
21 महीने बाद कर्मचारियों की परीक्षा करा रहा है एम्स
एम्स में कर्मचारियों की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही है। बीते 21 महीने से सेवा प्रदाता के जरिए तैनात कर्मचारियों की गुणवत्ता को लेकर एम्स प्रशासन संजीदा हुआ है। प्रशासन ने कर्मचारियों की परीक्षा कराने का फैसला किया है। पहले चक्र की परीक्षा जुलाई में हुई। एक बार फिर से दिसंबर में परीक्षा कराई गई है। कर्मचारियों के कंप्यूटर स्किल व अंग्रेजी ज्ञान की परीक्षा ली जा रही है। एम्स प्रशासन ने साफ कर दिया है परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इसके लिए निदेशक ने वरिष्ठ डॉक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी है। प्रशासन के इस फैसले के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। एम्स में करीब 250 कर्मचारी तैनात है। इसके अलावा करीब 80 सुरक्षाकर्मी भी तैनात है। शुक्रवार को कुछ कर्मचारियों ने इसको लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री को पत्र सौंपा। कर्मचारियों ने इसकी शिकायत गोरखनाथ मंदिर स्थित सीएम के कैंप कार्यालय में की है।