यूपी समेत चार प्रदेशों में मिले फर्जी बोर्ड से जुड़े पैरामेडिकल कॉलेज, अब तक 109 फ्रेंचाइजी का पता चला
अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से फर्जी बोर्ड बनाकर पैरा मेडिकल कॉलेज की फ्रेंचाइजी देकर जालसाजी करने वाले गिरोह का दायरा UP ही नहीं बल्कि उत्तराखंड, पंजाब और बिहार तक फैला है।
Para medical college linked to fake board: अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से फर्जी बोर्ड बनाकर पैरा मेडिकल कॉलेज की फ्रेंचाइजी देकर जालसाजी करने वाले गिरोह का दायरा यूपी ही नहीं बल्कि उत्तराखंड, पंजाब और बिहार तक फैला है। इन राज्यों में संस्था द्वारा अब तक 109 कॉलेजों को फ्रेंचाइजी देने की जानकारी सामने आई है। इनमें अकेले यूपी के 40 जिलों में इनकी फ्रेंचाइजी थी, जिनसे हजारों छात्रों को ठगी का शिकार बनाया गया। इस प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने आगरा शाहगंज स्थित फर्जी बोर्ड के आफिस पर दबिश देकर कई दस्तावेज बरामद किए हैं।
एसआईटी की अब तक की जांच में मुख्य आरोपित पंकज के अलावा उसकी पत्नी कंचन और भाई इन्दीवर पोरवाल की भूमिका भी सामने आई है। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है। पंकज पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
दअरसल, गोरखपुर पुलिस ने 11 सितम्बर 2023 को छात्रों के साथ पैरा मेडिकल शिक्षा के नाम पर विभिन्न कोर्स कराकर जालसाजी करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया था। गिरोह के मास्टर माइंड के रूप में आगरा के पंकज पोरवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजवाया था। जांच में पता चला था कि गिरोह ने अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम से अपना बोर्ड आफिस आगरा शाहगंज में बनाया है। 2013 से चल रहे चल रहे फर्जी बोर्ड से हजारों अभ्यर्थियों को डिग्री बांटी जा चुकी है। कई जिलों में जालसाजी सामने आने पर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने जांच के लिए एएसपी मानुष पारीक के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की थी।
एसआईटी ने फर्जी बोर्ड के आफिस में पहुंच कर वहां से कप्यूटर और अन्य दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू की तो पता चला कि जालसाजी का दायरा यूपी के 40 जिलों तक फैला है। इसके अलावा उत्तराखंड, पंजाब और बिहार तक अपना नेटवर्क फैलाया है। वहां के कालेज भी इससे फ्रेंचाइजी ली है। टीम की जांच में इनके पांच खाते सामने आए जिसमें लेन-देन हुआ था। एक खाता संयुक्त रूप से पंकज और उसकी पत्नी के नाम से है। सभी खातों में मिलाकर करीब 16 लाख रुपये मिले हैं। पुलिस ने बैंक खाते फ्रीज करा दिए हैं। कई अचल सम्पत्तियां भी मिली।
ऐसी डिग्री दी, जिसका नौकरी में कोई मतलब नहीं
यह संस्था एएनएम, जीडीए, मेडिकल ड्रेसर, सीएमएस एंड ईडी, डीएमएलटी, डीएमआरटी, एक्स-रे, ईसीजी, सीएमएलटी, सीसीसीई, डेंटल नर्सिंग, डेंटल हाईजेनिस्ट, डीओटीटी, डायलिस टेक्निकल, डिप्लोमा इन हेल्थ सेनीटरी ओपथलेमिक एसिस्टेंट, डीपीटी, एचडीएचएचएम आदि कोर्स कराने के बाद मोटी रकम लेकर अब्दुल कलाम इंस्टीट्यूट के अलावा छात्रों में विश्वास कायम करने के लिए आयुष पैरामेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया के नाम से रजिस्ट्रेशन कराकर फर्जी अंक पत्र व प्रमाण पत्र देकर छात्र व छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा था। इस डिग्री का किसी भी नौकरी में कोई मतलब नहीं है।
भाई-पत्नी-चाचा और दोस्तों को बनाया पदाधिकारी
अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट का एनसीटी दिल्ली/चिट फन्ड से गिरोह ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें कुल 13 पदाधिकारी हैं। सभी पंकज पोरवाल के परिवार और परिचित लोग ही हैं। जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उसमें इन्दीवर पोरवाल (भाई), कंचन पोरवाल (पत्नी), जयवीर प्रसाद (चाचा), अनिरुद्ध कुमार (मित्र), नरेश कुमार (मित्र), निखिल कुमार (मित्र), कमलकान्त ( मित्र), कुलदीप वर्मा (मित्र), सुरेन्द्र कुमार (मित्र), रुची गुप्ता (सहयोगी ), दर्शन कुमार खट्टरी (मित्र), प्रेमचन्द्र (मित्र), मोहित कुमार (मित्र) शामिल हैं।
क्या बोले एसएसपी
एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने बताया कि फर्जी बोर्ड का जाल उत्तर प्रदेश केसाथ उत्तराखंड, बिहार और पंजाब तक फैला है। अब तक 109 फ्रेंचाइजी की बात सामने आई है। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। जिन जिलों में भी कालेज चल रहा है वहां के अधिकारियों को इससे अवगत कराया जाएगा।