ओपी राजभर और संजय निषाद के विधायकों को बड़ा झटका, बेदी राम और विपुल पर पेपर लीक में आरोप तय
यूपी सरकार में दो सहयोगी पार्टियों ओपी राजभर की सुभासपा और संजय निषाद की निषाद पार्टी के विधायकों को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। पेपर लीक में दोनों विधायकों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए हैं।
यूपी सरकार में दो सहयोगी पार्टियों ओपी राजभर की सुभासपा और संजय निषाद की निषाद पार्टी के विधायकों को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। रेलवे के ग्रुप डी की भर्ती का पर्चा लीककांड और गिरोहबंद अधिनियम में सुभासपा विधायक बेदी राम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे समेत 18 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय के यहां आरोप तय कर दिए गए। कोर्ट ने अभियोजन साक्ष्य पेश करने के लिए आगामी सात अगस्त की तिथि तय की है। एक अन्य आरोपी कृष्ण यादव की मृत्यु होने से उसके विरुद्ध चल रही कार्यवाही समाप्त कर दी गई।
पत्रावली के अनुसार ग्रुप डी की भर्ती में हुई धांधली पर 18 आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पहला मामला धोखाधड़ी और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित संसाधनों के निवारण अधिनियम से संबंधित है, दूसरा मामला पुलिस की ओर से गिरोह बंद अधिनियम का है।
आरोपियों की ओर से दोनों मामलों में आरोप मुक्त करने की अर्जी अदालत में दी गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट में दोनों उन्मोचन प्रार्थना पत्रों का विरोध गिरोह बन्द अधिनियम की पैरवी कर रहे एसपीओ अल्तमस अहमद ने किया था। इसके बाद दोनों मामलों के आरोपियों पर आरोप तय कर कोर्ट ने गवाही के लिए सात अगस्त की तिथि तय की है।
इस मामले में 26 फरवरी 2006 को एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय ने विपुल दुबे, बेदी राम, संजय श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार, मनोज मौर्य, शैलेश सिंह, रामकृपाल सिंह, भद्रमणि त्रिपाठी, आनंद सिंह, कृष्णकांत, धर्मेंद्र कुमार, रमेश चंद्र पटेल, मो. असलम, अवधेश सिंह, सुशील कुमार, अख्तर हुसैन को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने आरोपियों से रेलवे भर्ती ग्रुप डी के 26 फरवरी 2006 की परीक्षा से संबंधित प्रश्न पत्र के अलावा कई वाहन बरामद किए थे।