हार और नौकरी जुगाड़ विवाद के बाद राजभर से एक साथ मिले अमित शाह और जेपी नड्डा, क्या हुई बात?
अपने विधायक बेदी राम का वीडियो वायरल होने के बाद से सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर चौतरफा घिरे हुए हैं। इस बीच सीएम योगी के बाद अमित शाह और जेपी नड्डा ने एक साथ उनसे दिल्ली में मुलाकात की है।
यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओपी राजभर से गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को दिल्ली में एक साथ मुलाकात की। यह मुलाकात ओपी राजभर की सीएम योगी से मुलाकात के ठीक अगले दिन हुई है। दोनों मुलाकातों के दौरान ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा के महासचिव अरविंद राजभर भी साथ रहे। 24 घंटे में ही सीएम योगी और भाजपा के दो शीर्ष नेताओं से राजभर की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। पहले लोकसभा चुनाव में बेटे को मिली हार और अब अपने ही विधायक बेदी राम के वीडियो के कारण ओपी राजभर चौतरफा घिरे हुए हैं। हालांकि नड्डा और शाह से अप्रत्याशित रूप से एक साथ मुलाकात में बेदी राम की चर्चा नहीं हुई है। इस बैठक में ओपी राजभर को बयानबाजी और बड़बोलापन ही चर्चा का विषय रहा।
अरविंद राजभर ने मुलाकात की तस्वीर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मोदी सरकार 3.0 में फिर से शाह के गृह मंत्री और नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनने पर शुभकामनाएं दीं। इसके अलावा मुलाकात के दौरान वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा के साथ ही विपक्ष के मंसूबों को परास्त करने की रणनीति समेत विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। हालांकि ओपी के खास लोगों का कहना है कि मुलाकात में नड्डा और शाह ने राजभर को संयमित रहने की सलाह दी है। उनसे कहा गया है कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। वह भाजपा के सहयोगी दल के प्रमुख नेता होने के साथ ही यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। वह जो भी बोलते हैं उसका सीधा असर सरकार पर पड़ता है। उनके बयानों और दावों का असर सरकार की छवि के साथ ही भाजपा के काम पर भी सीधा पड़ता है।
घोसी में ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर की हार पर भी तीनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। इसमें बताया गया कि बसपा का वोट बंटने और कुछ भीतरघात के कारण हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने अरविंद की हार के लिए भाजपा के कुछ नेताओं को भी जिम्मेदार बताया है।
इससे पहले गुरुवार को सीएम योगी से ओपी राजभर की मुलाकात में सुभासपा विधायक बेदी राम ही चर्चा का विषय रहे। राजभर ने अपनी तरफ से योगी को संतुष्ट करने की कोशिश की। इसके तुरंत बाद दिल्ली में नड्डा और शाह से मिलने निकल गए। कहा जा रहा है कि यूपी में जल्द ही दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में सुभासपा और बेदी राम के बहाने विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी भाजपा पर हमलावर है।
यूपी भाजपा का मानना है कि राजभर का बचाव करना बीजेपी के लिए यूपी में भारी भी पड़ सकता है। घोसी उपचुनाव और लोकसभा चुनाव दोनों में राजभर और उनकी पार्टी के साथ होने का कोई फायदा भाजपा को नहीं मिल सका है। राजभर बाहुल्य सीटों पर भी भाजपा हार गई है। ऐसे में यूपी भाजपा सुभासपा विधायक बेदी राम के मामले में सपा को कोई मौका नहीं देना चाहती और जल्द ही एक्शन के मूड में है।
क्या है बेदी राम का विवाद
सुभासपा के गाजीपुर की जखनिया सीट से विधायक बेदी राम का एक वीडियो पिछले दो दिनों से वायरल हो रहा है। इसमें वह पेपर लीक कराने और जुगाड़ से नौकरी में किसी को भी सेट करने की बातें कर रहे हैं। बेदी राम पेपर लीक के मामले में पहले भी जेल जा चुके हैं। अभी इस वीडियो को लेकर सपा उन पर हमलावर ही हुई थी कि ओपी राजभर का भी एक वीडियो वायरल हो गया। इस वीडियो में राजभर अपने विधायक बेदी राम को जुगाड़ से नौकरी दिलाने वाला खुद ही बता रहे हैं। वह कह रहे हैं कि बेदी राम लाखों चेलों को नौकरी दिला चुके हैं। यह वीडियो सामने आने के बाद राजभर ने पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है। गुरुवार को विधानसभा से निकलते समय ओपी राजभर को मीडिया ने घेरा तो वह केवल इतना बोलते हुए कार में सवार हो गए कि जाकर बेदी राम से पूछो। उन्होंने पूरे मामले पर खुद कुछ भी बोलने से परहेज किया था।
अखिलेश ने लगातार दूसरे दिन किया हमला
बेदी राम को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भाजपा को घेरा है। अखिलेश ने शुक्रवार एक्स पर बिना बेदी राम का नाम लिखे भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पहले से परीक्षा लीक में बदनाम है और जिसका स्टिंग आपरेशन सरेआम है, फिर देर किस बात की है। इससे पहले गुरुवार को अखिलेश ने बेदी राम से जुड़ा एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि क्या अब कोई और सबूत चाहिए। बेदी राम की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की थी।