पल्लवी पटेल को छोड़ दिया, उनकी सदस्यता नहीं लेंगे, अखिलेश यादव का ऐलान, कारण भी बताया
राज्यसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी से बगावत करने वाल विधायकों की सदस्यता खत्म कराने की मुहिम में पार्टी लगी हुई है। लेकिन पल्लवी पटेल की सदस्यता खत्म नहीं कराई जाएगी।
राज्यसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी से बगावत करने वाल विधायकों की सदस्यता खत्म कराने की मुहिम में पार्टी लगी हुई है। इन विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य साबित करने के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं। कौशांबी से सपा के टिकट पर विधायक चुनी गईं पल्लवी पटेल ने भी लोकसभा चुनाव में आईएमआईएमआई प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी के साथ गठजोड़ करके कई सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब ऐलान किया है कि वह पल्लवी पटेल की सदस्यता नहीं छीनेंगे। उन्होंने पल्लवी पटेल को इस मामले में छोड़ देने की खुली घोषणा कर दी है। इसका कारण भी अखिलेश यादव ने बताया है। अखिलेश यादव के इस ऐलान से अब कम से कम पल्लवी पटेल की विधायकी जाने का कोई खतरा नहीं है।
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सपा मुख्यालय में संविधान- मानस्तंभ स्थापना की। इसके बाद मीडिया से बात से कई मुद्दों पर बात की। बातचीत के दौरान ही एक पत्रकार ने अखिलेश से कहा कि पल्लवी पटेल मुख्यमंत्री से लगातार मिल रही हैं। इस पर अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री से आप मिल आओ, हम मिल आएं। मुख्यमंत्री से सब जाएं मिलने के लिए। वहां मिलेगा क्या। क्या कोई सड़क बना देंगे। बस ये है कि सदस्यता बचा लो हमारी। इसी पर एक पत्रकार के पूछने पर अखिलेश ने कहा कि चलो उन्हें छोड़ दिया। उनकी सदस्यता नहीं लेंगे। वह पीडीए के परिवार की हैं इसलिए उनकी सदस्यता नहीं छीनी जाएगी।
अखिलेश ने यह भी कहा कि यह काम मुख्यमंत्री भी नहीं कर सकते हैं। यह काम हम ही कर सकते हैं। पीडीए में आधी आबादी की बात है। इसलिए आधी आबादी के खिलाफ कार्रवाई हम लोग नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि सपा ने बागी विधायकों के खिलाफ एक ओर विधानसभा अध्यक्ष के यहां उनकी सदस्यता खत्म कराने की तैयारी में है तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी हो रही है।
इसके लिए विधिक राय ली जा रही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इन बागी विधायकों की पार्टी में वापसी की संभावना से पूरी तरह इंकार कर दिया है। इनके खिलाफ सख्त तेवर अपनाते हुए उन्होंने यहां तक कह दिया कि पार्टी के जो लोग इनकी पार्टी में वापसी की पैरवी करेंगे, उनको भी पार्टी से निकाला जाएगा।
राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों ने की बगावत
राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा के सात विधायकों ने भाजपा का साथ दिया था। इनमें सपा के ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय, गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह, कालपी के विधायक विनोद चतुर्वेदी, चायल से विधायक पूजा पाल, जलालाबाद से विधायक राकेश पांडेय और बिसौली से विधायक आशुतोष मौर्य शामिल हैं। भाजपा को भरोसा था कि इन विधायकों का फायदा लोकसभा चुनाव में भी मिलेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह विधायक इन इलाकों से आते हैं, भाजपा वहां भी हार गई और सपा को जीत मिली है। इसके बाद से सपा के हौसले बुलंद हैं।